Una News(राकेश माल्हि): हिमाचल प्रदेश सरकार की जल संरक्षण और ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार सृजन की नीति को साकार करते हुए हरोली उपमंडल के गोंदपुर जयचंद, गोंदपुर बुल्ला और दुलैहड़ पंचायतों के सामुदायिक तालाबों में 50,000 मत्स्य बीज संचयित किए गए. इनमें कॉमन कार्प एवं ग्रास कार्प (अमूर) प्रजातियों के बीज शामिल हैं, जिन्हें मत्स्य पालन विभाग ऊना के सहायक निदेशक विवेक शर्मा की देखरेख में डाला गया.
ये बीज विभाग के सरकारी कार्प ब्रीडिंग फार्म दयोली (गगरेट) में तैयार किए गए हैं. इस अवसर पर सहायक निदेशक श्री शर्मा ने कहा कि कभी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहे पारंपरिक तालाब बदलते समय के साथ उपेक्षा के चलते विलुप्ति की कगार पर पहुंच गए थे. मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में तथा उपमुख्यमंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने इन जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है. इसका उद्देश्य केवल जल संरक्षण नहीं, बल्कि इन्हें आजीविका के स्थायी साधन के रूप में विकसित करना भी है.
उपमुख्यमंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री के दिशा निर्देशन में हरोली विधानसभा क्षेत्र में प्राचीन तालाबों का समुचित जीर्णोद्धार कर जल संग्रहण की प्रभावी व्यवस्था की गई है. अब मत्स्य पालन के माध्यम से इन्हें स्वरोजगार का सशक्त माध्यम बनाया जा रहा हैँ इन तालाबों में एक बार में बीज संचयन की प्रक्रिया अपनाई गई है, ताकि आगे पंचायतें इन तालाबों को इच्छुक बेरोजगार युवाओं को पट्टे पर देकर मत्स्य पालन से जोड़ सकें.
ग्राम पंचायतों को इन तालाबों की देखरेख व रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है. गोंदपुर जयचंद, दुलैहड़ और गोंदपुर बुल्ला पंचायतों के तालाबों में डाले गए कुल 50,000 बीजों के माध्यम से आने वाले समय में ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर सतत रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे.