Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले को लेकर गुरुवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायकों और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई. भाजपा विधायकों ने एचपीपीसीएल के कामकाज और नेगी की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच की मांग करते हुए नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट कर दिया.
भाजपा ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाकर सरकार से नेगी की मौत की जांच को लेकर की गई कार्रवाई पर स्पष्टीकरण मांगा. हालांकि, स्पीकर ने यह कहते हुए प्रस्ताव खारिज कर दिया कि सरकार पहले ही इस मामले पर विस्तृत जानकारी दे चुकी है.
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विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने इस दौरान कहा कि विद्युत निदेशक देश राज को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन एचपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के आने के बाद शोंगटोंग हाइड्रो पावर और पेखुबेला पावर परियोजनाओं से संबंधित कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि नेगी पर काफी काम का दबाव था और इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की.
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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मुद्दे पर सरकार की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि नेगी के परिवार को अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई से संतुष्टि है. मुख्यमंत्री ने भाजपा पर भी हमला किया और कहा कि जब उनके कार्यकाल में अवैध शराब पीने से सात लोगों की मौत हुई थी, तो वे कोई ठोस कदम उठाने में विफल रहे थे. इस बयान के बाद भाजपा के सदस्य विधानसभा से वॉकआउट करते हुए नारेबाजी करने लगे.