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शिमला में मूसलाधार बारिश से भारी तबाही, भूस्खलन और जल संकट ने बढ़ाई चिंता

शिमला के चक्कर, टूटीकंडी, भराड़ी और पंथाघाटी में भूस्खलन हुआ है. शहर में सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों पर पेड़ गिरे हैं, जिससे आवाजाही प्रभावित हो गई है.

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शिमला में मूसलाधार बारिश से भारी तबाही, भूस्खलन और जल संकट ने बढ़ाई चिंता
Raj Rani|Updated: Jun 29, 2025, 01:11 PM IST
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Shimla News(अंकुश डोभाल): हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही तबाही का सिलसिला शुरू हो गया है. बीते 24 घंटों से लगातार हो रही तेज बारिश ने शिमला सहित कई इलाकों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. शनिवार को शिमला में 91.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिससे जगह-जगह भूस्खलन (लैंडस्लाइड) और जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है.

शिमला के चक्कर, टूटीकंडी, भराड़ी और पंथाघाटी जैसे क्षेत्रों में भारी भूस्खलन हुआ है. कई स्थानों पर सड़कों के किनारे खड़ी गाड़ियों पर पेड़ और मलबा गिरने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है. चमियाना अस्पताल को जाने वाली सड़क भी लैंडस्लाइड की चपेट में आने के कारण बंद हो गई है, जिससे मरीजों और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परेशानी खड़ी हो गई है. राहत की बात यह है कि इन घटनाओं में अभी तक किसी प्रकार की जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है.

तेज बारिश का असर शहर की जल आपूर्ति व्यवस्था पर भी देखने को मिला है. शिमला की प्रमुख पेयजल परियोजनाओं में भारी मात्रा में गाद और बरसाती पानी पहुंचने से जल शोधन प्रक्रिया प्रभावित हो गई है. इसके चलते शिमला जल निगम ने अगली कुछ दिनों तक पेयजल आपूर्ति बाधित रहने की चेतावनी दी है. निगम ने नागरिकों से पानी उबालकर पीने और इसका सतर्कता से उपयोग करने की अपील की है.

प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में मलबा हटाने और सड़कों को बहाल करने का कार्य जारी है. साथ ही, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे लोगों से सतर्क रहने और पहाड़ी इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है.

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