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हिमाचल विधानसभा ने नशीली दवाओं की समस्या से निपटने के लिए विधेयक किया पारित

Himachal Vidhan Sabha: हिमाचल प्रदेश ड्रग्स और नियंत्रित पदार्थ (रोकथाम, नशामुक्ति और पुनर्वास) विधेयक, 2025 और हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (रोकथाम और नियंत्रण) विधेयक, 2025 को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई.  

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हिमाचल विधानसभा ने नशीली दवाओं की समस्या से निपटने के लिए विधेयक किया पारित
Raj Rani|Updated: Mar 29, 2025, 12:20 PM IST
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Himachl Budget Session: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को चल रहे बजट सत्र के समापन पर नशीली दवाओं की समस्या और संगठित अपराध में वृद्धि से निपटने के उद्देश्य से दो विधेयक पारित किये गये.

हिमाचल प्रदेश ड्रग्स और नियंत्रित पदार्थ (रोकथाम, नशामुक्ति और पुनर्वास) विधेयक, 2025 और हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (रोकथाम और नियंत्रण) विधेयक, 2025 को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई.

सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश ड्रग्स और नियंत्रित पदार्थ (रोकथाम, नशामुक्ति और पुनर्वास) विधेयक, 2025 पेश किया था, जो अवैध व्यापार में शामिल सरकारी अधिकारियों और नाबालिगों को ड्रग्स बेचने वाले तस्करों को कड़ी सजा का प्रावधान करता है.

विधेयक में व्यक्तियों के लिए नशामुक्ति, पुनर्वास, निवारक शिक्षा और आजीविका सहायता के वित्तपोषण हेतु एक राज्य कोष की स्थापना का प्रावधान है.

इसमें नशीली दवाओं की गुणवत्ता के आधार पर कठोर सजा का प्रावधान है, साथ ही बार-बार अपराध करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है. छोटी मात्रा के लिए, बिल में दो से पांच साल की जेल की सजा और ₹ 20,000 से ₹ 50,000 के बीच जुर्माने का प्रावधान है. बड़ी मात्रा के लिए, इसमें पांच से सात साल की जेल की सजा और ₹ 50,000 से ₹ 1 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है.

वाणिज्यिक मात्रा के लिए, विधेयक में न्यूनतम 10 वर्ष की सजा, जिसे 14 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, तथा 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

विधेयक में नशा मुक्ति और पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना का प्रावधान है, जो नशा मुक्ति, परामर्श, कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे.

 

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