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Himachal Budget 2025: दूध की कीमतों में हुई बढ़ोतरी, जानें नई कीमतें; CM ने वित्तीय चुनौतियों पर डाला प्रकाश

Himachal Budget 2025: गाय के दूध की कीमत 45 रुपये से बढ़ाकर 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध की कीमत 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की गई.  

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Himachal Budget 2025: दूध की कीमतों में हुई बढ़ोतरी, जानें नई कीमतें; CM ने वित्तीय चुनौतियों पर डाला प्रकाश
Raj Rani|Updated: Mar 17, 2025, 12:53 PM IST
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Himachal Budget 2025: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने सोमवार को बजट पेश करते हुए राज्य की वित्तीय चुनौतियों का समाधान करते हुए आत्मनिर्भर हिमाचल की आवश्यकता पर बल दिया. दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए सुखू ने कहा कि गाय का दूध अब ₹45 से बढ़कर ₹51 प्रति लीटर पर बेचा जाएगा, जबकि भैंस का दूध ₹55 से बढ़कर ₹61 प्रति लीटर पर बेचा जाएगा.

राज्य की आर्थिक प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए, सुक्खू ने बजट भाषण में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की खोज को प्रमुख फोकस क्षेत्रों के रूप में रेखांकित किया. सीएम ने राज्य की वित्तीय बाधाओं की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा लिए गए लगभग 70% ऋणों का उपयोग पिछले प्रशासन से लिए गए ऋणों को चुकाने में किया गया है, जिसमें ब्याज भुगतान भी शामिल है.

अपने भाषण में सीएम सुक्खू ने वित्त वर्ष 26 में राज्य के सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों को रेखांकित किया.

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राजस्व घाटा अनुदान कम कर दिया गया है और जीएसटी मुआवजा बंद कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा लिए गए ऋणों का लगभग 70 प्रतिशत पिछले प्रशासन से विरासत में मिले ऋणों और उनके ब्याज घटकों को चुकाने में इस्तेमाल किया गया.

सुखू ने प्राकृतिक खेती के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना भी पेश की, जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 26 में 1 लाख किसानों को इस दायरे में लाना है. अब तक करीब 1.58 लाख किसान इस पद्धति को अपना चुके हैं. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्राकृतिक रूप से कच्ची हल्दी उगाने वाले किसानों को अब 90 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलेगा. 

सुखू ने प्राकृतिक खेती के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना भी पेश की, जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 26 में 1 लाख किसानों को इस दायरे में लाना है. अब तक करीब 1.58 लाख किसान इस पद्धति को अपना चुके हैं. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्राकृतिक रूप से कच्ची हल्दी उगाने वाले किसानों को अब 90 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलेगा.

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