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CM सुखू ने यूएई कंपनियों को हिमाचल के प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के लिए किया आमंत्रित

Himachal News: यूएई ने हिमाचल प्रदेश में पर्यटन और हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेश में रुचि दिखाई. इसी के साथ  मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखू ने यूएई की कंपनियों को हिमाचल प्रमुख क्षेत्रों में आमंत्रित किया.   

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CM सुखू ने यूएई कंपनियों को हिमाचल के प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के लिए किया आमंत्रित
Sadhna Thapa|Updated: Mar 05, 2025, 06:12 PM IST
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Himachal News: भारत में यूएई के राजदूत डॉ. अब्दुलनासिर अलशाली ने आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखू से मुलाकात की और राज्य में संभावित निवेश अवसरों पर चर्चा की. मुख्यमंत्री ने यूएई को पर्यटन और आतिथ्य, हरित ऊर्जा, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण और डेटा भंडारण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया.

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बर्फ से ढके पहाड़ी क्षेत्र और प्राकृतिक जल संसाधन सहित कई खूबसूरत जगहें हैं जो राज्य को बेहतरीन निवेश के अवसर प्रदान करती हैं. हिमाचल को पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार पर्यटन अधोसंरचना को बढ़ा रही है, रोपवे के विकास सहित कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार कर रही है, नई फोरलेन सड़कें और हेलीपोर्ट बना रही है.

यूएई के राजदूत ने पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई, खासकर साहसिक खेलों और स्कीइंग जैसे क्षेत्रों में. उन्होंने कहा कि यूएई ने राज्य में निवेश के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान की है. उन्होंने अतिरिक्त पर्यटन स्थलों के लिए राज्य सरकार के सुझावों का स्वागत किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अगले साल तक हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर अग्रसर है. पिछले दो वर्षों के दौरान, वर्तमान राज्य सरकार ने पर्यावरण की रक्षा और हरित ऊर्जा के दोहन के लिए ठोस प्रयास किए हैं. इन पहलों में नई सौर ऊर्जा परियोजनाएं, छह हरित गलियारों का विकास और चरणबद्ध तरीके से सभी सरकारी डीजल बसों को ई-बसों से बदलना शामिल है. हिमाचल प्रदेश में देश की 25 प्रतिशत जलविद्युत पैदा करने की क्षमता है. सौर ऊर्जा और पंप भंडारण परियोजनाओं सहित हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए अपार अवसर हैं.

यूएई के राजदूत ने कहा कि उनका देश पहले से ही भारत में हरित ऊर्जा क्षेत्र में शामिल है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश में हरित ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करने में रुचि दिखाई है. उन्होंने यूएई के साथ विशिष्ट परियोजनाओं की जानकारी साझा करने का आग्रह किया ताकि परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए दोनों के बीच समन्वय स्थापित किया जा सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है और डेयरी उद्योग को भी बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने यूएई की कंपनियों को राज्य में खाद्य प्रसंस्करण, कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और आधुनिक शहरी योजनाओं में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया.

दोनों पक्षों ने इस दिशा में मिलकर काम करने और विकास को गति देने पर सहमति जताई. उन्होंने परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्णय लिया. यूएई के राजदूत ने कहा कि परियोजनाओं का आकलन करने के लिए यूएई की एक तकनीकी टीम जल्द ही राज्य का दौरा करेगी और आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा. इसके मद्देनजर दोनों पक्षों के अधिकारियों के बीच बैठक होगी.

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, संयुक्त अरब अमीरात के आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ राशिद अमीरी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अधोसंरचना सलाहकार अनिल कपिल, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नाजिम, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

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