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दूसरे दिन CM सुक्खू ने की विधायक प्राथमिकता बैठक की अध्यक्षता, कहा- 2026 तक हिमाचल होगा 'हरित ऊर्जा राज्य'!

Shimla News in Hindi: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंगलवार को विधायक प्राथमिकता बैठक की अध्यक्षता की. दूसरे दिन जिला कांगड़ा, किन्नौर तथा कुल्लू के विधायकों ने अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत कीं. 

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दूसरे दिन CM सुक्खू ने की विधायक प्राथमिकता बैठक की अध्यक्षता, कहा- 2026 तक हिमाचल होगा 'हरित ऊर्जा राज्य'!
Muskan Chaurasia|Updated: Jan 30, 2024, 04:35 PM IST
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Shimla News: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में वार्षिक योजना 2024-25 के लिए विधायक प्राथमिकताओं पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की.  दूसरे दिन के पहले सत्र में जिला कांगड़ा, किन्नौर तथा कुल्लू के विधायकों ने अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत कीं. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आमजन के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है और समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की गई हैं.  सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज के उपेक्षित वर्ग को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है, ताकि वे सम्मानजनक जीवन-यापन कर सकें. 

उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन स्तर को उपर उठाने एवं स्थानीय विकास में इन बैठकों का विशेष महत्व है.  वार्षिक योजना 2024-25 में प्रत्येक विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र से सम्बन्धित पांच प्राथमिकताएं प्रस्तावित कर सकते हैं. इनमें सड़कें एवं पुल, लघु सिंचाई योजनाएं, ग्रामीण पेयजल/मल निकासी की एक-एक योजना अथवा किसी एक मद में तीन अथवा दो प्राथमिकताएं प्रस्तावित की जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि रख-रखाव से सम्बन्धित एक प्राथमिकता तथा परिवहन विभाग के अन्तर्गत चार्जिंग स्टेशन सहित इलैक्ट्रिक-बस चलाने के लिए विधायक एक प्राथमिकता शामिल कर सकते हैं.

सीएम ने आगे कहा कि नाबार्ड से ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आर.आई.डी.एफ.) के तहत केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण योग्य गतिविधियां ही पात्र हैं. ऐसे में नगर निगमों के अन्तर्गत आने वाले शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण, वित्त पोषण के लिए एवं विषम क्षेत्रीय विकास की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार द्वारा सम्बन्धित विधायकों से प्राथमिकताएं मांगकर शहरी अवसंरचना विकास निधि (यूआईडीएफ) के तहत वित्त पोषण के लिए भेजी जाएंगी. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन स्वीकृतियों के मामलों में तेजी आई है. जिला स्तर पर आयोजित होने वाली एफसीए तथा एफआरए केसों की समीक्षा बैठकों में संबंधित विधायक को भी बुलाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही राज्य सरकार ने विधायक निधि से भूमिगत केबल बिछाने तथा मुख्यमंत्री लोक भवन के निर्माण कार्य के लिए भी धन उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया है.

राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है, ताकि आय के साधन बढ़ें और प्रदेश आत्मनिर्भर बने. इसके दृष्टिगत परिवहन निगम की बसों को ई-बसों से चरणबद्ध तरीके से बदला जा रहा है तथा राज्यभर में ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. 

राज्य के सीमित संसाधनों से आर्थिकी पर बोझ जरूर बढ़ा है, लेकिन वर्तमान सरकार के प्रयासों से राज्य की अर्थव्यवस्था में 20 प्रतिशत तक सुधार भी आया है. प्रदेश की विकास नीति, वित्तीय संसाधन जुटाने, मितव्ययता, बेहतर प्रशासन, स्वरोजगार व रोजगार सृजन इत्यादि महत्वपूर्ण विषयों पर विधायकों के सुझाव भी आमंत्रित किए. उन्होंने कहा कि हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आने वाले समय में और कड़े फैसले लिए जाएंगे.

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