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हिमाचल वन अतिक्रमण अभियान: HC के आदेश पर कोटखाई गांव में सेब के पेड़ काटे गए

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई करते हुए वन विभाग ने शनिवार को कोटखाई के चैथला गांव में वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और अतिक्रमणकारियों द्वारा लगाए गए सेब के पेड़ों को गिरा दिया.

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हिमाचल वन अतिक्रमण अभियान: HC के आदेश पर कोटखाई गांव में सेब के पेड़ काटे गए
Raj Rani|Updated: Jul 14, 2025, 12:28 PM IST
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Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर शनिवार को वन विभाग ने शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र के चैथला गांव में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. इस दौरान वन भूमि पर अवैध रूप से लगाए गए सेब के पेड़ों को काटा गया. यह अभियान भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चलाया गया.

वन विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह कार्रवाई एसडीएम कोटखाई, डीएफओ ठियोग, डीएसपी ठियोग और स्थानीय तहसीलदार की मौजूदगी में की गई. अतिक्रमण हटाने के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

अधिकारियों के अनुसार, जिन सेब के बागानों को हटाया गया, वे संरक्षित वन भूमि पर अवैध रूप से लगाए गए थे. यह कार्रवाई हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के 2 जुलाई 2025 को दिए गए महत्वपूर्ण आदेश के तहत की गई, जिसमें न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बिपिन सी. नेगी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह बिना किसी देरी के वन भूमि से सभी अतिक्रमण, विशेष रूप से सेब के बागान, हटाए और बरसात के मौसम में पुनर्वनीकरण शुरू करे.

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अतिक्रमण हटाने और भूमि को पुनः वन स्वरूप देने में हुए खर्च को अतिक्रमणकर्ताओं से भू-राजस्व की तरह वसूला जाए. साथ ही पुनः प्राप्त भूमि पर स्थानीय वन प्रजातियों के पौधे लगाने का निर्देश भी दिया गया.

ऑपरेशन की संवेदनशीलता को देखते हुए शिमला जिला उपायुक्त (जो कोर्ट के आदेशों की निगरानी के लिए गठित विशेष जांच दल के प्रमुख भी हैं) ने चैथला गांव में 18 जुलाई तक हथियारों और आग्नेयास्त्रों के रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि, पुलिस, अर्धसैनिक बलों और अधिकृत सुरक्षा कर्मियों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है.

यह आदेश लंबे समय से जारी कानूनी लड़ाई और हिमाचल के सेब उत्पादक क्षेत्रों में वन भूमि पर बढ़ते अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिकाओं के बाद आया है. आने वाले दिनों में अन्य अतिक्रमित क्षेत्रों में भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे.

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