Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा मंदिरों से अपनी योजनाओं के लिए पैसा लेने की नोटिफिकेशन जारी करने के मामले के विरोध में विश्व हिंदू परिषद ने भी अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विश्व हिंदू परिषद इंद्रप्रस्थ क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री लेखराज राणा ने कहा कि मंदिरों का पैसा सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार, गौ रक्षा, वेद अध्यन, संस्कृत के प्रसार और पुजारियों के प्रशिक्षण पर खर्च की जानी चाहिए. इसका प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार करने में प्रयोग किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हिंदुओं के मंदिरों में चढ़ाए जाने वाला पैसा श्रधालुओं का पैसा है और इस पैसे को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अपनी योजनाओं पर खर्च करना निंदनीय है. विश्व हिंदू परिषद पिछले 3 वर्षों से राज्यसभा और लोकसभा सांसदों से मिलकर सरकार द्वारा अधिग्रहीत मंदिरों पर नियंत्रण छोड़ने की मांग की है. हिंदू समाज अपने मंदिरों की रक्षा करने में सक्षम है.
लेखराज राणा ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार अपना निर्णय वापस नहीं लेती है तो विश्व हिंदू परिषद हिमाचल प्रदेश में सरकार विरोधी उग्र आंदोलन करेगी. बता दें कि विश्व हिंदू परिषद इंद्रप्रस्थ क्षेत्र में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर तथा लेह क्षेत्र आता है.
हिमाचल सरकार के अधीन आने वाले मंदिरों में अपना अंशदान देना होगा, जिसके बाद इस मामले में भाजपा ने अपना विरोध जताया है, वहीं प्रदेश के शक्तिपीठ मंदिर माता चिंतपूर्णी में पुजारी समुदाय ने सरकार के इस आदेश का समर्थन किया है. मंदिर के पुजारी के अनुसार जानकारी मिली है कि हिमाचल सरकार मंदिर के पैसे को कुछ सरकारी योजनाओं के लिए इस्तेमाल कर रही है. सरकार इस पैसे का सदुपयोग करेगी और प्रदेश विकास की दृष्टि से आगे बढ़ेगा. मंदिर के पुजारी ने मांग की है कि पुजारियों को अन्य मंदिरों की तरह उनका बनता हिस्सा दिया जाए. सरकार के इस आदेश से मंदिर के पुजारी खुश नजर आए.
वहीं सरकार के इस आदेश को लेकर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने अपनी मिलीजुली प्रतिक्रिया दी श्रद्धालुओं के मुताबिक उन्होंने दान मंदिर ट्रस्ट को दिया है और मंत्र के पैसे का इस्तेमाल मंदिर के विकास के लिए ही होना चाहिए सरकार को अपनी योजनाओं के लिए अलग से पैसे का इंतजाम करना चाहिए वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है उन्होंने कहा है कि मंदिर के पैसे का अगर सरकार विकास के लिए इस्तेमाल करती है तो अच्छी बात है इससे मंदिर और प्रदेश विकास की दृष्टि से आगे बढ़ेगा और मूलभूत सुविधाएं और ज्यादा अच्छी होगी.
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने सरकार के इस आदेश पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है. श्रद्धालुओं के मुताबिक उन्होंने मंदिर ट्रस्ट को दान दिया है और मंत्रोच्चार के पैसे का इस्तेमाल मंदिर के विकास के लिए ही किया जाना चाहिए. सरकार को अपनी योजनाओं के लिए अलग से पैसे की व्यवस्था करनी चाहिए. कुछ श्रद्धालुओं ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार मंदिर के पैसे का इस्तेमाल विकास के लिए करती है तो यह अच्छी बात है. इससे मंदिर और राज्य का विकास होगा और बुनियादी सुविधाएं और भी बेहतर होंगी.