Himachal Rain: हिमाचल प्रदेश में हो रही लगातार भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटों में प्रदेशभर में 269 सड़कें बंद हो गई हैं, 285 विद्युत ट्रांसफॉर्मर ठप हो चुके हैं और 278 पेयजल योजनाएं काम करना बंद कर चुकी हैं.
6 जुलाई सुबह 10 बजे जारी स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है, जहां 200 सड़कें भारी बारिश के चलते अवरुद्ध हैं. इसके अलावा 236 ट्रांसफॉर्मर और 278 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जो कि राज्य में सबसे अधिक हैं.
कुल्लू जिला सड़क बंद होने के मामले में दूसरा सबसे प्रभावित क्षेत्र रहा, जहां बंजार और निरमंड सब-डिवीजनों में 39 सड़कें अवरुद्ध हैं. वहीं, चंबा जिले में सैलूनी, डलहौज़ी और भरमौर में 32 सड़कें बंद और 17 ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त पाए गए.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने बताया कि, "भारी मॉनसून वर्षा के कारण भूस्खलन, जलभराव और आधारभूत ढांचे को नुकसान हुआ है, जिससे सड़क संपर्क और आवश्यक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं." प्रभावित क्षेत्रों में सेवाएं बहाल करने के प्रयास जारी हैं और मंडी तथा कुल्लू जैसे अति प्रभावित जिलों में टीमें अलर्ट पर हैं.
शिमला, सोलन और लाहौल-स्पीति जैसे जिलों में फिलहाल न्यूनतम या कोई विशेष व्यवधान नहीं पाया गया है. हालांकि, विभाग ने चेतावनी दी है कि आगामी दिनों में लगातार बारिश के चलते हालात और बिगड़ सकते हैं.
जनता के लिए सलाह:
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें
सावधानी बरतें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
बहाली कार्य जारी हैं और लोक निर्माण विभाग, बिजली बोर्ड तथा जल शक्ति विभाग की टीमें मरम्मत कार्यों में जुटी हैं.
SEOC हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है और राहत प्रयासों का समन्वय 24x7 हेल्पलाइन नंबर 1070 के माध्यम से कर रहा है.
इस बीच, प्रदेश में इस मॉनसून सीज़न में मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 75 हो गई है, जिनमें से 45 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, जलभराव, और करंट लगने से हुईं, जबकि 30 लोग दुर्घटनाओं (सड़क हादसे, करंट लगना और गैस विस्फोट जैसी घटनाएं) में मारे गए.