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हिमाचल में मानसून के कहर से अब तक 98 मौतें, 770 करोड़ से अधिक की संपत्ति को नुकसान

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मानसून ने हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही मचाई है, जिसमें 98 लोगों की जान चली गई और 770.96 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है.

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हिमाचल में मानसून के कहर से अब तक 98 मौतें, 770 करोड़ से अधिक की संपत्ति को नुकसान
Raj Rani|Updated: Jul 14, 2025, 12:47 PM IST
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Himachal Monsoon: हिमाचल प्रदेश में मानसून तबाही लेकर आया है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से 13 जुलाई के बीच वर्षा जनित घटनाओं में 98 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि संपत्ति को अब तक करीब ₹770.96 करोड़ का नुकसान हुआ है.

बारिश से जुड़ी घटनाओं में 57 लोगों की मौत हुई, जिनमें भूस्खलन (8), बादल फटने (9), अचानक आई बाढ़ (15), डूबने (10), करंट लगने (4) और अन्य दुर्घटनाएं जैसे पेड़ या चट्टानों से गिरने (10) शामिल हैं. इसके अलावा, खराब सड़क हालात और भूस्खलनों के कारण 41 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई, जो पहाड़ी इलाकों में मानसून के दौरान यात्रा की खतरनाक स्थिति को दर्शाता है.

जिलावार नुकसान की बात करें तो मंडी सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां 21 लोगों की मौत हुई, इसके बाद कांगड़ा (14), कुल्लू (10), चंबा (9), हमीरपुर (8) और अन्य जिले शामिल हैं.

मानव क्षति के साथ-साथ पशुधन और संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है. अब तक 22,454 मुर्गियों और 954 पालतू जानवरों की मौत हो चुकी है. 375 से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 91 पूरी तरह ढह गए हैं और 279 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. कई गोशालाएं, दुकानें, स्कूल और खेत भी बह गए हैं या बर्बाद हो गए हैं.

क्षेत्रवार सरकारी आंकड़ों के अनुसार, PWD, जलापूर्ति, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, मत्स्य और शहरी विकास सहित कई क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है.

राज्य में बचाव और राहत कार्य जारी हैं. प्रभावित इलाकों में कई राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने लोगों को संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा से बचने और सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि आगामी दिनों में और बारिश की चेतावनी जारी की गई है.

शनिवार शाम 6 बजे तक जारी SEOC रिपोर्ट के अनुसार, 196 सड़कें बंद हैं, जिनमें एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल है. 73 पावर ट्रांसफॉर्मर और 787 जल योजनाएं भी बाधित हुई हैं.

मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां अकेले 153 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी से कुल्लू के बीच 4 मील और बिंद्रवाणी के पास का राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल है. अन्य प्रभावित जिलों में कुल्लू (17), कांगड़ा (12), सिरमौर (11), और ऊना (3) शामिल हैं.

हालांकि सार्वजनिक उपयोगिता रिपोर्ट में नई मौतों का ज़िक्र नहीं है, लेकिन SDMA द्वारा पहले जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 98 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है.

प्रशासन ने लोगों और पर्यटकों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और सतर्क रहें, क्योंकि अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई गई है.

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