मनीष ठाकुर/कुल्लू: शिक्षा निदेशालय के निर्देश के बावजूद हिमाचल प्रदेश में कुराश खेल के ट्रायल नहीं करवाए गए हैं. इसे लेकर डीपीई संघ कुल्लू और कुराश संघ कुल्लू ने मुद्दा उठाया है. वहीं, भविष्य में प्रशासन, विभाग से इस खेल के ट्रायल करवाने की मांग उठाई है ताकि कुराश खेल में यहां के खिलाड़ी देशभर में और बेहतर प्रदर्शन कर सकें.
दोनों संघों के अध्यक्षों का कहना है कि शिक्षा निदेशालय से फुटबॉल और कुराश प्रतियोगिताओं के लिए ट्रायल करवाने के निर्देश मिले थे, लेकिन शिक्षा विभाग कुल्लू ने फुटबॉल टीम के लिए खिलाडियों के ट्रायल करवाए. विभाग ने कुराश खिलाडियों की अनदेखी की है. फुटबॉल के ट्रायल में चयनित खिलाड़ी सरकारी खर्चे पर प्रतियोगिता में गए. वहीं, कुराश के खिलाडियों को अनदेखी का शिकार होने की वजह से अपने खर्चे पर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेना पड़ा है. खिलाडियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और प्रदेश को देशभर में तीसरा स्थान दिलाने में योगदान दिया है.
जिला डीपीई संघ के अध्यक्ष देवचंद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश ने पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर कुराश प्रतियोगिता में भाग लिया है. कुल्लू के खिलाड़ियों ने देशभर में अपना लोहा मनवाया है. शिक्षा विभाग ने खिलाड़ियों को दरकिनार कर उनका मनोबल तोड़ा है.
Mahakumbh 2025: कल से हो रही महाकुंभ की शुरुआत, अमृत स्नान के साथ शुरू होगा कल्पवास
जिला कुराश संघ कुल्लू के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने कहा कि जिला कुल्लू के चार खिलाडियों ने राष्ट्रीय कुराश स्पर्धा में प्रदेश के लिए पदक लाए हैं. इनमें एक स्वर्ण पदक भी शामिल हैं. अगर शिक्षा विभाग कुराश टीम के लिए ट्रायल करवाता है तो शायद स्वर्ण समेत अन्य पदकों की संख्या भी अधिक होती.
प्रदेश कुराश संघ के कोषाध्यक्ष हरदेव सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पहली बार कुराश की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. खिलाड़ियों ने सूबे के लिए दस पदक लाए हैं, जो हर्ष का विषय है.
WATCH LIVE TV