Nalagarh News(नंद लाल): नालागढ़ के तहत झझरा गांव में हिमाचल पंजाब - सीमा पर अवैध खनन मामला विवाद इन दोनों सुर्खियां बटोर रहा है और पिछले दिनों भाजपा नेता सतपाल सती ने भी नालागढ़ के पूर्व विधायक के बेटों पर अवैध खनन के गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद अब क्रेशर मालिक यादविंदर राणा खुलकर सामने आए हैं और उन्होंने सतपाल सती द्वारा लगाए गए आरोपी को सिरे से नकारते हुए कहा है कि क्रेशर में किसी भी पूर्व विधायक के बेटों का हिस्सा नहीं है.
उन्होंने कहा कि पहले जब शुरू शुरू में विवाद हुआ था तब उनके बेटे का इस क्रेशर में हिस्सा था लेकिन जब इस पूरे मामले को लेकर विवाद हुआ तो उन्होंने अपने हाथ पीछे खींच लिए और अब वह अकेले ही इस प्रेशर के मालिक हैं और वह पिछले 5 वर्षों से इस क्रेशर को लेकर काम कर रहे हैं.
यादविंदर राणा ने कहा कि मैंने अपनी निजी कमाई और निजी भूमि पर इस क्रेशर को लगाया है और सतपाल सती भाजपा के सीनियर नेता हैं और वह भी कांग्रेस और भाजपा के विभिन्न पदों पर रह चुके हैं और दोनों ही प्राटियों की कार्य प्रणाली. उन्होंने काफी नजदीक से अच्छी है उन्होंने कहा कि जब सतपाल सती का बयान आया तो उन्हें बहुत दुख लगा था.उन्होंने सतपाल सती से अपनी राजनीति विधायकों के बच्चों पर करने पर कहा कि आप राजनीति करते रहे लेकिन मैं एक गरीब व्यक्ति हूं मुझे कारोबार करने दिया जाए.
उन्होंने कहा कि सतपाल सती ने शिमला से पता नहीं अपनी कौन सी दूरबीन नालागढ़ के लिए लगाई और उन्हें दोनों बिंदु कैसे साथ जोड़ दिए उन्होंने कहा कि नालागढ़ इलाके के कुछ नेताओं ने सती को भ्रमित किया है. दोनों चीजों को आपसी जोड़कर राजनीति राजनीतिक फायदा लेने के सतपाल सती पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि सतपाल सती एक पक्ष सुनने के बाद राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा किएक न एक दिन सच सामने आकर रहेगा. उन्होंने कहा कि रही बात क्रेशर की जो भी मामले दर्ज हुए हैं उसे पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है.
क्रेशर मालिक ने कहा कि उनके पास क्रेशर लगवाने के लिए सभी प्रकार के दस्तावेज पूरे हैं और सभी विभागों से एनओसी लेने के बाद उनका रास्ता बंद कर दिया गया और एसडीएम ने खुद अधिकारियों के सामने आकर रास्ते को खुलवाया है. और पंचायत और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क बनाई गई थी और इस सड़क से जाने का उन्हें पूरा अधिकार है. कुछ लोग इस मुद्दे को लेकर राजनीति कर रहे हैं वह गलत है. उन्होंने कहा कि पंजाब की पहाड़ी उनके क्रेशर से 250 मीटर दूर है और वह भी निजी भूमि पर है. उन्होंने कहा कि वह भी पहाड़ी काटने वालों के खिलाफ पुलिस का सहयोग कर रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि सड़क से रोकना बहुत शर्मानाक बात है.
इस बारे में जब हमने स्थानीय निवासी सतनाम और विंदर सिंह से बातचीत की उनका कहना है कि उनके दादाओ के समय से यह सड़क बनी हुई है. उनका हिमाचल और पंजाब की ओर किसी सड़क से आना-जाना रहता है. उन्होंने कहा कि अब सड़क को बंद कर दिया गया है जिसके चलते उन्हें 5 किलोमीटर दूरी तय करने के बाद आना जाना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार और प्रशासन से जल्द इस सडक को खोलने की मांग उठाई ताकि लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना आ सके.