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तीस हजार आगुंतको ने निहारी कांगड़ा कला संग्रहालय में ऐतिहासिक कृतिया

Kangra News: कांगड़ा कला संग्रहालय में करीब तीस हजार दर्शक ऐतिहासिक कृतियों को देख चुके हैं. यह आंकड़ा पिछले साल का है, जिसमें करीब एक दशक के बाद इजाफा हुआ है.    

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तीस हजार आगुंतको ने निहारी कांगड़ा कला संग्रहालय में ऐतिहासिक कृतिया
Sadhna Thapa|Updated: Mar 29, 2025, 06:40 PM IST
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Kangra News(विपन कुमार): कांगड़ा कला संग्रहालय में करीब तीस हजार दर्शक ऐतिहासिक कृतियों को देख चुके हैं. यह आंकड़ा पिछले साल का है, जिसमें करीब एक दशक के बाद इजाफा हुआ है. इस साल की बात करें तो करीब ढाई महीने में साढ़े पांच हजार दर्शक संग्रहालय का दीदार कर चुके हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि दर्शक देश के हों या विदेश के, उनमें भारत के इतिहास और विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति, रीति-रिवाज और जीवनशैली को जानने की जिज्ञासा रहती है. इसी के चलते भारतीयों के साथ विदेशी दर्शक भी संग्रहालय का दीदार करना नहीं भूलते.

आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल देश-विदेश से बच्चों समेत 29 हजार 919 दर्शकों ने संग्रहालय का दीदार किया, जबकि इस साल जनवरी से अब तक देश-विदेश से करीब साढ़े पांच हजार दर्शक संग्रहालय की ऐतिहासिक चीजों का दीदार कर चुके हैं. पिछले साल संग्रहालय का दीदार करने वाले भारतीय दर्शकों की संख्या 28 हजार 592 थी, जबकि 5798 विदेशी दर्शक और 363 बच्चे शामिल थे. पिछले एक दशक में सिर्फ पिछले वर्ष ही दर्शनार्थियों की संख्या 20 हजार से अधिक हुई थी, जबकि इससे पहले वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 20 हजार से अधिक था. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के पिछले ढाई माह में जो दर्शनार्थियों की संख्या सामने आई है, उससे इस बार दर्शनार्थियों की संख्या के भी पार होने की उम्मीद है.

पुराने हथियार भी बढ़ाएंगे शोभा
संग्रहालय प्रशासन की मानें तो यहां आने वाले आगुंतक सदियों पुराने हथियारों को भी देखना चाहते हैं और उन्हें संग्रहालय में प्रदर्शित करने की मांग करते हैं. संग्रहालय में अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं, जिनका काम चल रहा है. काम पूरा होते ही यहां पुराने हथियार और अन्य कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी.

नोएडा से कांगड़ा म्यूजियम घूमने आई आरती जोशी ने बताया कि उन्हें म्यूजियम में कांगड़ा और तिब्बती थंग्का पेंटिंग बहुत पसंद आई. उन्हें गूगल से धर्मशाला कांगड़ा म्यूजियम के बारे में पता चला था और कांगड़ा आने पर उन्होंने इसे देखने का फैसला किया. म्यूजियम में आकर बच्चों को इतिहास की जानकारी मिलती है.

उमेश जोशी ने कहा कि संग्रहालय में सदियों पुरानी चीजें देखने को मिलती हैं, जिनको उनके बारे में जानकारी नहीं है, उन्हें भी ऐसी चीजों के बारे में पता चलता है. पहले के समय में पेंटिंग के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता था, जो खुद से तैयार किए जाते थे, आज की पीढ़ी को इसके बारे में पता नहीं होगा. संग्रहालय में आने से किसी भी क्षेत्र की संस्कृति की गहराई का पता चलता है.

संग्रहालय में आने वाले लोग कांगड़ा चित्रकला की कलाकृतियों को खूब पसंद करते हैं और उनकी खरीदारी भी करते हैं. इसके अलावा संग्रहालय में नियमित रूप से आने वाले लोगों को यहां लगने वाली प्रदर्शनियों के बारे में भी जानकारी दी जाती है. आंगुतक को कांगड़ा लघु चित्रकला काफी पसंद आती है. संग्रहालय में दो कलाकार मौजूद हैं, जिनसे आगंतुक कांगड़ा चित्रकला के बारे में जानकारी भी प्राप्त करते हैं.

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