Himachal Pradesh/ज्ञान प्रकाश: दुनिया का सबसे जहरीला विशालकाय “किंग कोबरा” का नाम सुनकर कोई भी डर से सिहर उठता है. डस ले तो कुछ ही मिनट में जीवन लीला समाप्त हो जाती है. ऐसे खतरनाक किंग कोबरा पांवटा साहिब क्षेत्र में बार बार साइट हो रहे हैं. पांवटा साहिब क्षेत्र में चौथी बार किंग कोबरा साइट हुआ है और दूसरी बार किंग कोबरा का सफल रेस्क्यू किया गया है.
बेहद खतरनाक जहरीले और बेहद दुर्लभ प्रजाति का सांप किंग कोबरा पांवटा साहिब क्षेत्र में चार बार सपॉट हो चुका है. किंग कोबरा को सबसे पहले मई 2021 शिवालिक हिल्स की पहाड़ियों में फांदी गांव के समीप देखा गया था. पहली बार किंग कोबरा को देखा जाना बेहद अचंभित करने वाला था. क्योंकि इससे पहले हिमाचल में कभी किंग कोबरा को नहीं देखा गया था. इसके बाद चंबा जिले में किंग कोबरा स्पॉट हुआ था.
वर्ष 2024 में पावटा साहिब के ही जंगलोट गांव में कच्ची सड़क पार करते एक बड़े किंग कोबरा को देखा गया था. कोटली विकास क्षेत्र में किंग कोबरा 2 बार सपोर्ट हो चुका है और दोनों ही बार रेस्क्यू किया गया है. यहां किंग कोबरा रिहायशी क्षेत्र के आसपास देखा गया था. लिहाजा क्षेत्र वासियों और किंग कोबरा में टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी.
ऐसे में वन विभाग की टीम ने दोनों बार किंग कोबरा को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया. इस बार रेस्क्यू किया गया किंग कोबरा भी पूर्ण व्यस्क है और लगभग 10 फुट लंबा है. हालांकि कोबरा नर था या मादा इस बात का पता नहीं चल पाया है. मगर यह तय माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में नर और मादा दोनों तरह के किंग कोबरा मौजूद हैं और यह क्षेत्र हिमाचल प्रदेश में किंग कोबरा का नेचुरल हैबिटेट है. उधर इंसानों और किंग कोबरा के बीच टकराव को रोकने के लिए वन विभाग की टीम ने स्थानीय लोगों को जागरूक किया.
विभाग के रेंज ऑफिसर सुरेंद्र शर्मा ने लोगों को किंग कोबरा के बारे में जानकारी दी. साथ ही लोगों से आग्रह किया कि किंग कोबरा को कोई नुकसान ना पहुंचाएं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक तौर पर किंग कोबरा इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचते हैं. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि यदि रिहायशी क्षेत्र में खतरनाक सांप नजर आए तो वन विभाग के टीम को सूचित करें। दुर्लभ प्रजाति के सांपों को कोई नुकसान न पहुंचाएं.