Kullu Tourism(अंकुश डोभाल): अगर आप शिमला और मनाली जैसे लोकप्रिय लेकिन भीड़भाड़ भरे पर्यटन स्थलों से थक चुके हैं, तो कुल्लू जिले के आनी क्षेत्र में स्थित बागा सराहन गांव आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. यह सीमांत गांव न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी बेहद समृद्ध है.
महाभारत से जुड़ा इतिहास
स्थानीय उपप्रधान शालिग राम के अनुसार, बागा सराहन का संबंध महाभारत काल से है. जनश्रुति है कि महाभारत से पूर्व कौरव और पांडव इस क्षेत्र में आए थे. कौरव इसी स्थान पर रुके जबकि पांडव कुछ दूरी पर ठहरे. कहा जाता है कि जो पहले “छो” की पूजा करेगा, उसकी विजय निश्चित होगी. महाबली भीम पांडवों को लेकर पूजा स्थल तक पहले पहुंच गए, और यहीं से उनकी जीत की कहानी शुरू हुई.
शांत वातावरण, यादगार अनुभव
यहां घूमने आए पर्यटकों का कहना है कि बागा सराहन एक लाइफटाइम एक्सपीरियंस है. न कोई भीड़, न ट्रैफिक जाम—सिर्फ़ सुकून और प्रकृति की गोद में बिताए पल.
स्थानीय मांगें
स्थानीय लोग चाहते हैं कि यहां की रोड कनेक्टिविटी सुधारी जाए, जिससे अधिक से अधिक सैलानी इस अनछुए स्वर्ग तक आसानी से पहुंच सकें. बेहतर सड़कें न सिर्फ पर्यटकों के लिए सहूलियत बढ़ाएंगी, बल्कि पर्यटन गतिविधियों को भी नया जीवन देंगी.
बागा सराहन एक ऐसा गंतव्य है जो प्रकृति, इतिहास और शांति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है.