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Mandi News: पंडोह डैम में भारी सिल्ट, डेहर पावर हाउस का विद्युत उत्पादन अस्थायी रूप से बंद

कुल्लू जिले में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बाद ब्यास नदी और पंडोह डैम का जलस्तर बढ़ गया है, हालांकि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. 

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Mandi News: पंडोह डैम में भारी सिल्ट, डेहर पावर हाउस का विद्युत उत्पादन अस्थायी रूप से बंद
Raj Rani|Updated: Jun 26, 2025, 01:36 PM IST
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Mandi News(नितेश सैनी): जिला कुल्ल में पिछले कल हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के चलते ब्यास नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे पंडोह डैम के जलस्तर में भी इजाफा हुआ। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं और स्थिति सामान्य बनी हुई है। बीबीएमबी सुंदरनगर के अधीक्षण अभियंता अजय पाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को डैम का जलस्तर 2925 फीट रिकॉर्ड किया गया था। उस समय डैम में लगभग 33,000 क्यूसेक पानी आ रहा था और 29,000 क्यूसेक पानी डैम के गेटों के माध्यम से छोड़ा गया, जो कि सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा था। 2023 की बरसात में पंडोह डैम में लगभग 2 लाख क्यूसेक से भी ऊपर पानी का बहाव रिकॉर्ड किया गया था जिससे भारी नुकसान हुआ था।

सिल्ट की अधिकता से डेहर पावर हाउस में विद्युत उत्पादन रोकना पड़ा :
पंडोह डैम में भारी मात्रा में सिल्ट और गाद आने के कारण बग्गी सुरंग के माध्यम से डेहर पावर हाउस को जलापूर्ति बुधवार शाम 7 बजे से रोक दी गई है, जिससे विद्युत उत्पादन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार जब तक डैम में सिल्ट की मात्रा सामान्य नहीं हो जाती, तब तक सुरंग से पानी नहीं छोड़ा जा सकेगा। गुरुवार सुबह 10 बजे डैम का जलस्तर 2913 फीट मापा गया, जो कि डेंजर लेवल 2941 फीट से काफी नीचे है। इस समय डैम में लगभग 20,000 क्यूसेक पानी आ रहा है और इतनी ही मात्रा में आगे छोड़ा भी जा रहा है। डैम के सभी पांच गेट खुले गए हैं ताकि जल का प्रवाह नियमित बना रहे।

बीबीएमबी ने बरती पूर्ण सतर्कता:
बीबीएमबी ने बारिश के मौसम को लेकर व्यापक तैयारियां की हैं। पंडोह से मंडी तक एक चेतावनी वाहन चलाया जा रहा है, जो स्थानीय लोगों व पर्यटकों को ब्यास नदी के किनारे जाने से मना कर रहा है। विभाग ने आगाह किया है कि बरसात में कभी भी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है। बीबीएमबी और जिला प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक रूप से नदी किनारे न जाएं। सावधानी और सतर्कता ही प्राकृतिक आपदाओं से बचाव का एकमात्र तरीका है।

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