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हिमाचल में मानसूनी तबाही: अब तक 135 मौत; 76 बारिश से जुड़ी घटनाओं में, 59 सड़क हादसों में

22 जुलाई 2025 की SDMA की क्यूमुलेटिव लॉस रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कुल 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 76 लोगों की जान बारिश से जुड़ी घटनाओं के चलते गई है, जबकि 59 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है.

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हिमाचल में मानसूनी तबाही: अब तक 135 मौत; 76 बारिश से जुड़ी घटनाओं में, 59 सड़क हादसों में
Raj Rani|Updated: Jul 23, 2025, 11:40 AM IST
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Himachal Monsoon: लगातार हो रही मानसूनी बारिश ने हिमाचल प्रदेश को संकट की स्थिति में पहुंचा दिया है. राज्य के कई जिलों में सड़क संपर्क, बिजली आपूर्ति और आवश्यक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, प्रदेश में 432 सड़कें अभी भी बाधित हैं, 534 पावर ट्रांसफॉर्मर बंद पड़े हैं, और 197 जलापूर्ति योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.

22 जुलाई 2025 की SDMA की क्यूमुलेटिव लॉस रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कुल 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 76 लोगों की जान बारिश से जुड़ी घटनाओं—भूस्खलन, बादल फटने, बिजली गिरने और बाढ़—के चलते गई है, जबकि 59 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है.

सबसे अधिक जानलेवा घटनाएं मंडी (17), कांगड़ा (16), कुल्लू (8) और चंबा (7) जिलों से सामने आई हैं. इन जिलों में भूस्खलन, बादल फटना और अचानक आई बाढ़ ने कई घर, सड़कें, पुल, गौशालाएं और खेतीबाड़ी को तबाह कर दिया है। कांगड़ा में बाढ़, मंडी में बादल फटना, शिमला और सोलन में भूस्खलन ने जानमाल को भारी नुकसान पहुंचाया है.

राज्यभर में अब तक का अनुमानित आर्थिक नुकसान ₹1,24,734.67 लाख आंका गया है. 540 से अधिक घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं और हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं. 20 जून 2025 से अब तक 25 भूस्खलन, 40 फ्लैश फ्लड और 23 क्लाउडबर्स्ट की घटनाएं दर्ज की गई हैं.

1,296 मवेशी और 21,500 पोल्ट्री पक्षियों की मौत से ग्रामीण क्षेत्रों में संकट और गहरा गया है. PWD, जल शक्ति विभाग, बिजली, शिक्षा, पशुपालन और ग्रामीण विकास जैसी कई सरकारी विभागों की संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है.

NDRF, SDRF और स्थानीय बचाव दलों की मदद से राहत और बचाव कार्य जारी हैं. कई राहत शिविर लगाए गए हैं और मृतकों के परिजनों व विस्थापितों को मुआवज़ा देने की प्रक्रिया भी चल रही है.

SDMA ने जनता से अपील की है कि वे सतर्क रहें, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पूरी तरह पालन करें, क्योंकि प्रशासन की प्राथमिकता अब सड़कों, पुलों और जरूरी सेवाओं की बहाली है.

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