Himachal Rain: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. सोमवार को हुई तेज बारिश के चलते कई स्थानों पर इमारतें ढह गईं, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं सामने आईं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
वर्षाजनित घटनाओं में अब तक 23 लोगों की जान गई
20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक राज्य में वर्षाजनित घटनाओं में मृतकों की संख्या 23 तक पहुंच गई है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, बादल फटने और भूस्खलन के कारण प्रदेश भर में 259 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें सबसे अधिक मंडी (129) और सिरमौर (92) जिले प्रभावित हैं.
बिजली और जल आपूर्ति भी प्रभावित
भारी बारिश के कारण 614 बिजली ट्रांसफार्मर और 130 जलापूर्ति योजनाएं ठप हो गई हैं. जून में सामान्य औसत 101 मिमी की तुलना में राज्य में अब तक 34% अधिक यानी 135 मिमी बारिश दर्ज की गई है.
राजस्व मंत्री ने की आपात बैठक
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सोमवार को मानसून तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों से मौसम संबंधी चेतावनियों का पालन करने और नदियों-झरनों के पास न जाने की सख्त हिदायत दी है. साथ ही सभी एसडीएम को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.
पांच मंजिला इमारत गिरी, कोई हताहत नहीं
शिमला की मथु कॉलोनी में एक पांच मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई, लेकिन समय रहते लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई. हालांकि, पास की दो अन्य इमारतें भी खतरे की जद में आ गई हैं. भवन की मालकिन रंजना वर्मा ने आरोप लगाया कि चार लेन सड़क निर्माण के चलते इमारत असुरक्षित हुई, लेकिन प्रशासन ने समय रहते कोई उपाय नहीं किए.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित
शिमला-चंडीगढ़ हाईवे पर भूस्खलन और पत्थर गिरने से कम से कम पांच स्थानों पर यातायात प्रभावित हुआ है, जिससे आवाजाही में भारी दिक्कतें आ रही हैं.
मौसम विभाग का अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने सोमवार शाम को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में मध्यम बाढ़ का खतरा जताया है. वहीं, बुधवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. 6 जुलाई तक बारिश का दौर जारी रहने की चेतावनी दी गई है.