Nahan News(देवेंदर वर्मा): हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए एक सराहनीय पहल की है, जिसके तहत किसानों से प्राकृतिक तरीके से उपजाई गई फसलों की सीधी सरकारी खरीद की जा रही है. इस योजना के तहत सिरमौर जिले के 42 किसानों से अब तक 178 क्विंटल गेहूं खरीदी जा चुकी है.
उत्पादों की सरकारी खरीद पर बेहतर मूल्य
प्राकृतिक खेती से उत्पन्न गेहूं को सरकार 60 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद रही है. साथ ही किसानों को 2 रुपये प्रति किलो का परिवहन भाड़ा भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से और अधिक लाभ मिल रहा है.
किसान बोले - मिली आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भरता
खादरी गांव के किसान रवि कुमार, जो 2021 से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, ने बताया कि उन्होंने 2 बीघा भूमि पर गेहूं की खेती की और लगभग 8 क्विंटल उत्पादन किया. इसमें से 5 क्विंटल गेहूं उन्होंने नाहन स्थित सरकारी खरीद केंद्र में बेचा और परिवार के उपयोग के लिए 3 क्विंटल रखा. रवि कुमार ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताते हुए कहा कि इस पहल से उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिली है.
वहीं, सकारडी गांव के बलिन्दर सिंह, जो 2019 से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, ने इस वर्ष 2 क्विंटल गेहूं सरकारी केंद्र को बेचा है और आगामी सीजन में 5-6 बीघा में मक्की की प्राकृतिक खेती करने की योजना बनाई है.
सरकार का उद्देश्य: किसानों को बेहतर आमदनी और टिकाऊ खेती
प्रदेश सरकार की यह पहल केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य कृषकों को रासायनिक मुक्त, टिकाऊ खेती की ओर प्रेरित करना है. इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी स्वस्थ और जैविक उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे.
यह कदम राज्य में प्राकृतिक खेती को एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है.