Home >>Himachal Pradesh

हिमाचल में सरकारी नौकरी के लिए नए नियम लागू, अब 2 साल रहना होगा ‘जॉब ट्रेनी’

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी भर्तियों को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने ग्रुप-ए, बी और सी के पदों पर सीधी भर्ती के तहत चयनित उम्मीदवारों के लिए "जॉब ट्रेनी" प्रणाली अनिवार्य कर दी है.  

Advertisement
हिमाचल में सरकारी नौकरी के लिए नए नियम लागू, अब 2 साल रहना होगा ‘जॉब ट्रेनी’
Raj Rani|Updated: Jul 20, 2025, 02:12 PM IST
Share

Himachal News: हिमाचल के सरकारी नौकरी को लेकर अब नए नियम लागू हुए है. प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में ग्रुप-ए, बी और सी के पदों में होने वाली भर्तियों के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं. इसके मुताबिक प्रदेश में अब सीधी भर्ती से चयनित उम्मीदवारों को दो साल तक ''जॉब ट्रेनी'' के रूप में काम करना होगा. इस दौरान इन जॉब ट्रेनी को तय मासिक राशि दी जाएगी. ऐसे में वो इस अवधि में सरकार के नियमित कर्मचारी नहीं माने जाएंगे. कर्मचारियों को पेंशन, अवकाश नियम या अन्य भत्तों जैसी सुविधाएं नहीं दी जाएंगी. सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार नए नियमों का उद्देश्य भर्ती में पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाना है.

शनिवार को कार्मिक विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. कुछ पदों को नए नियमों से बाहर रखा गया है. इसमें हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा परीक्षा पास करने वाले अधिकारी, सिविल जज, नायब तहसीलदार, मेडिकल कालेजों के प्रोफेसर, एसीएफ, एचपीएफ एंड एएस के सेक्शन अधिकारी, सहायक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी व पुलिस कांस्टेबल शामिल हैं. नई भर्ती राज्य लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग या सरकार की ओर से अधिकृत एजेंसी के माध्यम से होगी. जिसमें आरक्षण नीति का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा. वहीं, जॉब ट्रेनी की नियुक्ति से पहले विभागों और संस्थाओं को वित्त विभाग की स्वीकृति लेनी होगी.

वहीं चयनित अभ्यर्थियों को सेवा में आने से पहले रोल-विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और दो साल पूरे होने के बाद दक्षता परीक्षा पास करने पर ही नियमित नियुक्ति दी जाएगी. जॉब ट्रेनी को हिमकेयर और आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मिलेगा, लेकिन, सरकारी सेवा में लागू सीसीएस, पेंशन, अवकाश नियम जैसे प्रावधान उन पर लागू नहीं होंगे. यात्रा पर जाने पर वो न्यूनतम वेतनमान वाले कर्मचारी के बराबर टीए-डीए पाने के हकदार होंगे. जॉब ट्रेनी को एक माह की सेवा के बाद एक दिन की कैजुअल लीव, साल में 10 दिन की मेडिकल लीव और पांच दिन की स्पेशल लीव भी मिलेगी. महिला ट्रेनी को दो जीवित बच्चों तक 180 दिन की मातृत्व अवकाश और गर्भपात की स्थिति में 45 दिन की विशेष छुट्टी भी मिलेगी.

Read More
{}{}