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फतेहपुर में अब नहीं दिखेगी गंदगी, 14 लाख रुपये की लागत से प्लास्टिक वेस्ट यूनिट शुरू

ब्लॉक फतेहपुर (जिला कांगड़ा) की पंचायतों में अब प्लास्टिक कचरे के ढेर नजर नहीं आएंगे. हाड़ा पंचायत स्थित फतेहपुर सब्ज़ी मंडी के पास लगभग 14 लाख रुपये की लागत से तैयार प्लास्टिक वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का शुभारंभ स्थानीय विधायक और हिमाचल योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया ने किया.  

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फतेहपुर में अब नहीं दिखेगी गंदगी, 14 लाख रुपये की लागत से प्लास्टिक वेस्ट यूनिट शुरू
Raj Rani|Updated: May 27, 2025, 04:02 PM IST
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Nurpur News(भूषण शर्मा): हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की फतेहपुर ब्लॉक के गांवों में अब प्लास्टिक कचरे की समस्या से राहत मिलने वाली है. क्षेत्र की हाड़ा पंचायत में, फतेहपुर सब्ज़ी मंडी के पास लगभग 14 लाख रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट बनकर तैयार हो गई है. इसका उद्घाटन स्थानीय विधायक और हिमाचल योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया ने किया.

प्लास्टिक वेस्ट यूनिट से क्या होगा बदलाव?
इस संयंत्र की स्थापना से अब हर पंचायत में स्थापित कूड़ेदानों में एकत्रित प्लास्टिक कचरे को वेंडर द्वारा इकट्ठा कर इस यूनिट में लाया जाएगा. यहां उस कचरे को प्रोसेस कर प्लास्टिक दानों (रॉ मटेरियल) में बदला जाएगा, जिसे प्लास्टिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को भेजा जाएगा. इससे न केवल प्लास्टिक कचरे का उचित निपटान सुनिश्चित होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा.

लागत और सुविधाएं
मशीनरी पर खर्च: ₹8.57 लाख
यूनिट शेड पर खर्च: ₹2 लाख
बिजली सप्लाई और अन्य खर्च: ₹1.5 लाख
कुल खर्च: लगभग ₹14 लाख

यह यूनिट फतेहपुर क्षेत्र की पहली ऐसी पहल है जो ग्रामीण स्तर पर प्लास्टिक प्रबंधन को व्यवस्थित रूप देगी.

विधायक का संदेश
इस अवसर पर विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कहा: “इस संयंत्र की मदद से न केवल क्षेत्र की सफाई सुनिश्चित होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ बनाना हमारी प्राथमिकता है.”

उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए चंदन का पौधा भी रोपित किया. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्लास्टिक कचरे को सही जगह पर डालें और इस पहल को सफल बनाने में प्रशासन का साथ दें.

लोगों की उम्मीदें
स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अब गांवों की गलियों और सार्वजनिक स्थलों पर बिखरा प्लास्टिक कचरा अतीत की बात हो जाएगा। इससे न केवल गांव की सुंदरता बढ़ेगी बल्कि जल स्रोतों और मिट्टी को होने वाले नुकसान से भी बचाव होगा।

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