Paonta Sahib News(ज्ञान प्रकाश): राष्ट्रीय राजमार्ग-707 के निर्माण के दौरान पांवटा साहिब से गुम्मा तक के क्षेत्र में कई छोटे संपर्क मार्गों को नुकसान पहुंचा था. इनमें तिलौरधार-बोहल संपर्क मार्ग भी शामिल है, जो करीब दो वर्षों से पूरी तरह बंद पड़ा है. अब तक इसे बहाल नहीं किया गया है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बोहल क्षेत्र में इन दिनों सेब सीजन चरम पर है, लेकिन सड़क बंद होने से बागवान और किसान अपनी फसल की ढुलाई नहीं कर पा रहे हैं. केवल सेब ही नहीं, अन्य नगदी फसलें भी प्रभावित हो रही हैं. ग्रामीणों को सामान लाने-ले जाने के लिए पीठ पर लादकर कठिन रास्तों से गुजरना पड़ रहा है. इससे सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं को हो रही है, जिन्होंने प्रशासन और निर्माण कंपनी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है.
महिलाओं ने जताया रोष, किया प्रदर्शन
स्थानीय महिलाओं ने सड़क की दुर्दशा के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि अगले 8 दिनों के भीतर संपर्क मार्ग को बहाल नहीं किया गया, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को कई बार एनएचएआई अधिकारियों और एसडीएम के संज्ञान में लाया जा चुका है. कई बार स्थल निरीक्षण भी हुआ, लेकिन हालात जस के तस हैं.
ग्राम पंचायत का समर्थन
ग्राम पंचायत बोहल बल्दवा के प्रधान नरेश कुमार ने भी ग्रामीणों की चिंताओं को जायज ठहराया और कहा कि पूरा इलाका बागवानी और कृषि पर निर्भर है. सड़क के बंद रहने से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.
स्थानीय लोगों की मांग
ग्रामीणों और महिलाओं ने एक सुर में मांग की है कि जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत कर उसे यातायात के लिए खोला जाए, ताकि क्षेत्र मुख्यधारा से फिर से जुड़ सके और सेब व अन्य फसलों की ढुलाई समय पर हो सके.
निष्क्रियता का खामियाजा जनता को
एनएच 707 पर चौड़ीकरण कार्य कर रही कंपनियों की लापरवाही का सीधा असर ग्रामीणों पर पड़ा है. जनता का कहना है कि विकास परियोजनाओं का लाभ तभी है जब उससे आम लोगों का जीवन आसान हो, न कि और अधिक कठिन.