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हेरिटेज कश्मीर हाउस निजी हाथों में सौंपने की तैयारी पर प्रदेश की राजनीति मे उबाल, उठ रहे कई सवाल

धर्मशाला स्थित ऐतिहासिक हेरिटेज कश्मीर हाउस को निजी हाथों में सौंपने की प्रदेश सरकार की तैयारी को लेकर सियासी घमासान मच गया है. यह भवन न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि कांगड़ा की सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक माना जाता है.

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हेरिटेज कश्मीर हाउस निजी हाथों में सौंपने की तैयारी पर प्रदेश की राजनीति मे उबाल, उठ रहे कई सवाल
Raj Rani|Updated: Jul 15, 2025, 12:14 PM IST
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Nurpur News(भूषण शर्मा): जिले के हेरिटेज होटल कश्मीर हाउस को निजी हाथों में देने के सरकार के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. इस पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुर कर दिया है‌ तो बही लगातार वीरोध के बाद प्रैसवार्ता कर एचपीटीडीसी का जिम्मा सम्भाले एवं एचपीटीडीसी के उपाध्यक्ष ( कैबिनेट रेंक) एवं नगरोटा के विधायक आर एस बाली ने भी पला जाड़ लिया है. उन्होंने हाल मे ही प्रैसबार्ता कर सरकार से इस फैंसले पर पुन: विचार करने बात कही है.

सूत्रों की माने तो भारत-पाक तनाव और बारिश के बावजूद होटल ने मार्च से जून तक पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 9.19 लाख रुपये अधिक कमाई की. इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने इसे निजी हाथों में सौंपने की अधिसूचना जारी कर दी है.

यह होटल हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित है और लंबे समय से पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है. आधुनिक सुविधाओं से युक्त यह हेरिटेज होटल पर्यटकों को न केवल आरामदायक सेवाएं देता है, बल्कि एक ऐतिहासिक भवन में ठहरने का अनुभव भी कराता है.

जम्मू-कश्मीर के राजा का था आवास, पूर्व सीएम वीरभद्र भी यहीं रुकते थे
इस भवन का निर्माण वर्ष 1935 में लाला अमरनाथ सूद ने करवाया था. बाद में इसे जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने अधिग्रहित कर शाही आवास के रूप में उपयोग किया. कांगड़ा के पंजाब से अलग होने के बाद यह संपत्ति हिमाचल सरकार के पास आ गई और बाद में इसे एक डीलक्स हेरिटेज होटल के रूप में विकसित किया गया.

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी कांगड़ा प्रवास के दौरान यहीं ठहरते थे. यहां सरकार का दरबार लगताकी। था और इसे धर्मशाला की पहचान का प्रतीक भी माना जाता है.

कश्मीर हाउस धर्मशाला की ऐतिहासिक विरासत
कश्मीर हाउस धर्मशाला की ऐतिहासिक विरासत है. इस भवन की वास्तुकला और सुंदरता बाहर से आने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. सरकार का इस संपत्ति को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय गलत है. सरकार को इसे बेहतर बनाने के प्रयास करने चाहिए.

अपने चहेतों को खुश कर रही प्रदेश की सरकार
हेरिटेज भवनों को सरकार निजी हाथों में देकर अपने चहेतों को खुश करने में लगी है. यह बात पुर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राकेश पठानियां ने सरकार को घेरते हुए कही है. पठानियां ने कहा कि सरकार जो पर्यटन निगम की संपत्तियां कमा कर दे रही हैं, उन्हें भी घाटे में दिखा रही है, जो कि प्रदेश और पर्यटन हित में नहीं है. हेरिटेज होटल कश्मीर हाउस को निजी हाथों में देना सही नहीं है.

होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला के प्रभारी शशि शर्मा ने कहा कि जो कांगडा मे मे अन्य चार होटलो मे एक एक कर्मचारी बैठाया हुआ है. पहले उन्हें निलमा करन चाहिए क्यू की बंहा की इन्कम शुन्य है और उन कर्मचारियों को इन होटलो मे शिफ्ट कर देन चाहिए. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 1 मार्च से 30 जून की तुलना में इस साल मार्च से 30 जून के बीच कश्मीर हाउस होटल ने 9.19 लाख रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त किया है. पर्यटक इस हेरिटेज होटल के दीवाने हैं. पर्यटन निगम के कर्मचारियों ने इस होटल के संचालन में अपनी ओर से बेहतर प्रयास किए हैं.

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