Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर जारी है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से 7 जुलाई तक भारी बारिश और उससे जुड़ी घटनाओं में कुल 80 लोगों की मौत हुई है. इनमें से 52 मौतें सीधे तौर पर भूस्खलन, बादल फटने, फ्लैश फ्लड और अन्य आपदाओं के कारण हुई हैं, जबकि 28 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं, करंट लगने, सांप के काटने और खाई में गिरने जैसी अन्य घटनाओं में गई.
मंडी सबसे अधिक प्रभावित जिला
SDMA के अनुसार, मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित रहा है जहां 17 लोगों की मौत बारिश से जुड़ी घटनाओं में हुई. इसके बाद कांगड़ा में 11 मौतें दर्ज की गईं.
बारिश से जुड़ी मौतों में:
14 लोग बादल फटने
8 लोग फ्लैश फ्लड
1 व्यक्ति भूस्खलन
अन्य लोग करंट लगने, डूबने और मौसम से जुड़ी दुर्घटनाओं के चलते मारे गए.
बड़ी संख्या में नुकसान: मकान, मवेशी और बुनियादी ढांचा प्रभावित
इस अवधि में:
128 लोग घायल हुए हैं.
320 मकान पूरी तरह, और 38 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए.
10,254 मवेशी और पोल्ट्री की जान गई.
सार्वजनिक संपत्ति को ₹692.65 करोड़ का नुकसान हुआ है.
अब तक 23 फ्लैश फ्लड, 19 बादल फटने की घटनाएं और 16 भूस्खलन दर्ज किए जा चुके हैं.
कृषि और आधारभूत ढांचे को भी भारी नुकसान
मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और शिमला जिलों में फसलों, सड़कों, पुलों और बिजली आपूर्ति प्रणाली को भारी नुकसान पहुंचा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं.
SDMA की अपील: सतर्क रहें, जोखिम भरे क्षेत्रों से दूर रहें
SDMA ने आम जनता से अपील की है कि वे नदियों के किनारे, खड़ी ढलानों और निर्माणाधीन क्षेत्रों के पास न जाएं. सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान कर रही है.