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रामपुर में बिजली बोर्ड कर्मचारियों की महापंचायत, सरकार को दी चेतावनी; मांगें न मानीं तो होगा आंदोलन

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अधिकारियों ने रामपुर के पाट बंगला मैदान में एकजुट होकर जिला स्तरीय महापंचायत का आयोजन किया और अपनी मांगों को लेकर सरकार को चेतावनी दी.

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रामपुर में बिजली बोर्ड कर्मचारियों की महापंचायत, सरकार को दी चेतावनी; मांगें न मानीं तो होगा आंदोलन
Raj Rani|Updated: May 06, 2025, 04:41 PM IST
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Kinnaur News(विशेषर नेगी): हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के सेवारत एवं सेवा निवृत कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने रामपुर में जिला स्तरीय महापंचायत का आयोजन किया. रामपुर के पाट बांग्ला मैदान में आयोजित इस सम्मेलन में किन्नौर, स्पीति, आनी कुमारसैन और रामपुर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान महापंचायत में कर्मचारियों की मांगों पर मंथन किया. 

उन्होंने कहा की बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन बहाली की जाए, भर्ती प्रक्रिया को भी बदल जाए अन्यथा प्रदेश में बड़ा आंदोलन होगा. इससे पूर्व रैली की शक्ल में कर्मचारी विभिन्न क्षेत्रों से पाट बांग्ला मैदान पहुंचे. सर्वप्रथम उन्होंने एचपीसीएल के दिवंगत महाप्रबंधक विमल नेगी को श्रद्धांजलि दी और बताया कि विमल नेगी जैसे एक ईमानदार अधिकारी को भ्रष्ट्र तंत्र के कारण अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी. 

वक्ताओं ने कहा कि उनके मौत को यूं ही व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा. सरकार से भी इस विषय को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई. प्रदेश सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि प्रदेश में बोर्ड के जहां 40 हजार कर्मचारी थे, अब 13 हजार रह गए हैं. जबकि उपभोक्ताओं की संख्या 6 से 28 लाख पहुंची है. उन्होंने बताया कि बिजली बोर्ड को घाटे में पहुंचाने में सरकार जिम्मेदार है. सरकारी विभिन्न एजेंसियों ने बिजली बोर्ड के 970 करोड रुपए देने हैं, और ऊपर से सरकार वोट बैंक की राजनीति के चलते उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली बाट कर बिजली बोर्ड को कंगाल बना रही है. अगर बिजली बोर्ड को सारी देनदारियां मिल जाए तो बिजली बोर्ड को कोई नुकसान नहीं होगा.

एचपीएसईबी कर्मचारी यूनियन महिला बिंग की प्रदेश उपाध्यक्ष रतन ज्योति ने बताया कि जिला स्तरीय महा पंचायत का आयोजन किया. यह पांचवी जिला महापंचायत है. उन्होंने बताया कि हमारे बिजली बोर्ड से पद समाप्त किये जा रहे हैं. कर्मचारियों को पेंशन के बाद मिलने वाली देनदारियां नहीं दी जा रही है. आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण भी बंद किया जाए.

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