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संजौली मस्जिद विवाद फिर उभरा, देवभूमि संघर्ष समिति ने जुम्मे की नमाज़ पर रोक की मांग की

देवभूमि संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अगर शुक्रवार को यहां नमाज़ पढ़ी गयी, तो 11 सितंबर 2024 की तरह ही प्रदेश के सभी हिन्दुओं को संजौली में एकत्रित होने का आह्वान कर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा और इसके बाद की ज़िम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी.

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संजौली मस्जिद विवाद फिर उभरा, देवभूमि संघर्ष समिति ने जुम्मे की नमाज़ पर रोक की मांग की
Raj Rani|Updated: May 21, 2025, 06:51 PM IST
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Shimla News(अंकुश डोभाल): शिमला के संजौली मस्जिद मामला ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. देवभूमि संघर्ष समिति के साथ हिंदू संगठनों ने मंगलवार को मस्जिद के नज़दीक जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने की कोशिश की. देवभूमि संघर्ष समिति का दावा है कि जिस स्थान पर मौजूदा वक़्त में मस्जिद है, वह जमाबंदी में गण देवता के स्थान के तौर पर रजिस्टर है. 

अगर पुलिस और प्रशासन हिंदू संगठनों को वहां जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने के आरोप रहा है, तो नगर निगम शिमला कोर्ट की ओर से निर्माण अवैध घोषित होने के बाद शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ पर भी रोक लगायी जानी चाहिए. इसके बाद अब शिमला ज़िला के सामने एक बार फिर क़ानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने की चुनौती पैदा हो गई है.

देवभूमि संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अगर शुक्रवार को यहां नमाज़ पढ़ी गयी, तो 11 सितंबर 2024 की तरह ही प्रदेश के सभी हिन्दुओं को संजौली में एकत्रित होने का आह्वान कर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा और इसके बाद की ज़िम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी.

वहीं, मुस्लिम स्कॉलर मुमताज अहमद कासमी ने कहा कि वे शहर में शांति बनाए रखना चाहते हैं. कुछ लोग घमंड में मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रहे हैं. घमंड रावण को भी था, जिसे भगवान राम ने चूर कर दिया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें अल्लाह ही जवाब देगा. मस्जिद की जगह पर गणदेवता का स्थान होने के दावे का भी कासमी ने खंडन किया. उन्होंने कहा कि मस्जिद में जाकर हनुमान चालीसा पढ़ने की अनुमति न तो वे दे सकते हैं और न ही ऐसा करने की अनुमति भारतीय संविधान में हैं. यह सही नहीं माना जा सकता है.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान का कहना है कि सरकार का प्रशासन पर कोई दबाव नहीं है. कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश कर रहे हैं. यह मामला कोर्ट से जुड़ा हुआ है. सभी के पास कोर्ट में अपील करने का अधिकार है. कुछ लोगों का यह कहना कि सरकार का प्रशासन पर दबाव है, यह सरासर ग़लत है.

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