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हिमाचल में वन भूमि पर सेब के पौधों के कटान पर SC की रोक

बागवान नेता संजय चौहान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हिमाचल उच्च न्यायालय के 2 जुलाई, 2025 के सेब के पेड़ काटने के आदेश पर रोक लगा दी है. शिमला शहर के पूर्व उप-महापौर टिकेंद्र पंवर ने उच्चतम न्यायालय ने याचिका दायर की थी.

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हिमाचल में वन भूमि पर सेब के पौधों के कटान पर SC की रोक
Raj Rani|Updated: Jul 28, 2025, 02:52 PM IST
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Shimla News(अंकुश डोभाल): हिमाचल प्रदेश में अतिक्रमण वाली वन भूमि पर लगे सेब के पेड़ कटान पर उच्चतम न्यायालय ने फिलहाल रोक लगा दी है. इस मामले में हिमाचल उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को वन भूमि पर अवैध तरीके से लगाए गए सब के पेड़ों को काटने की आदेश दिए थे. उच्च न्यायालय के आदेशों पर प्रदेश सरकार ने जिला शिमला के ऊपरी इलाकों में कार्रवाई की. 

वहीं, दूसरे चरण में जिला मंडी के करसोग में कार्रवाई की जानी थी. बागवान नेता संजय चौहान ने बताया कि हिमाचल उच्च न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ शिमला के पूर्व उप-महापौर और पर्यावरणविद् टिकेंद्र पंवर की ओर से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई करते हुए हिमाचल उच्च न्यायालय के आदेशों पर फ़िलहाल रोक लगा दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि उच्चतम अदालत ने राज्य सरकार को वन भूमि लगे सेब बागानों को अपने कब्जे में लेकर सेब की फसल तोड़ने के आदेश दिए हैं.

बागवान नेता संजय चौहान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हिमाचल उच्च न्यायालय के 2 जुलाई, 2025 के सेब के पेड़ काटने के आदेश पर रोक लगा दी है. शिमला शहर के पूर्व उप-महापौर टिकेंद्र पंवर ने उच्चतम न्यायालय ने याचिका दायर की थी. इस केस की पैरवी उच्चतम न्यायालय के वकील सुभाष चंद्रन ने की. 

बागवान नेता संजय चौहान ने इसे बड़ी राहत बताया है. चौहान ने कहा कि हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ 29 जुलाई को शिमला में सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे. उनकी मांग है कि राज्य सरकार किसानों की कब्जे वाली भूमि से बेदखली और घरों की तालाबंदी पर रोक लगाए.

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