Shimla News(अंकुश डोभाल): शिमला की मॉल रोड पर शुक्रवार रात एक भावुक और इंसानियत से भरपूर दृश्य देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू एक बिछड़े हुए बच्चे के लिए फरिश्ता साबित हुए. रात करीब साढ़े नौ से दस बजे के बीच जब सीएम रोज की तरह टहलने निकले थे, तो उन्होंने सड़क पर एक छोटा बच्चा जोर-जोर से रोता हुआ देखा.
मुख्यमंत्री ने तुरंत बच्चे के पास जाकर उसका हाल जाना. बातचीत में पता चला कि बच्चा अपने माता-पिता से बिछड़ गया है. एक अभिभावक की तरह मुख्यमंत्री ने बच्चे को न सिर्फ सान्त्वना दी बल्कि प्यार-दुलार कर उसका डर भी कम किया. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जब तक उसे माता-पिता से नहीं मिलवाया जाएगा, वे खुद भी घर नहीं जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने बच्चे से बातचीत के दौरान माता-पिता से संबंधित जानकारी जुटाई और तुरंत वायरलेस के जरिए पुलिस को सूचित किया. सौभाग्य से बच्चे के पास मौजूद एक नंबर पर संपर्क करने में सफलता मिली और मुख्यमंत्री ने खुद उसकी मां से फोन पर बात करवाई. इस दौरान जब बच्चा बहुत बेचैन और घबराया हुआ था, तो मुख्यमंत्री ने उसे पानी पिलाया और स्टाफ से कहकर चॉकलेट भी दिलवाई, जिससे उसका मन थोड़ा शांत हुआ.
कुछ ही देर में बच्चे के माता-पिता भी वहां पहुंच गए. पुलिस ने सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चे को सुरक्षित उनके हवाले कर दिया.
इस पूरे घटनाक्रम में मुख्यमंत्री सुक्खू की मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई ने यह दिखा दिया कि एक नेता सिर्फ शासन ही नहीं करता, जरूरत पड़ने पर एक संरक्षक, मार्गदर्शक और मददगार भी बनता है.