Shimla News: देवभूमि संघर्ष समिति ने शिमला नगर निगम आयुक्त से सवाल किया है कि आखिर 5 अक्टूबर, 2024 के स्पष्ट आदेश के बावजूद संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. समिति के एडवोकेट जगत पाल ने कहा कि अदालत ने मस्जिद की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को हटाने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक इन मंजिलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
अदालत के आदेश को बताया वैध
एडवोकेट जगत पाल ने बताया कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-1 की अदालत ने 30 नवंबर, 2024 को शिमला नगर निगम आयुक्त के फैसले को पूरी तरह सही ठहराया था, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि आदेश को लागू करने में अब कोई कानूनी बाधा नहीं है.
नगर निगम की रिपोर्ट में भी उल्लंघन की पुष्टि
शिमला नगर निगम के जेई (जूनियर इंजीनियर) की दो अलग-अलग स्टेटस रिपोर्ट में भी यह उल्लेख किया गया है कि संजौली मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं. इसके बावजूद नगर निगम की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे समिति ने सवाल उठाया कि "आखिर एमसी शिमला मस्जिद पर इतनी मेहरबानी क्यों दिखा रहा है?"
जल्द भेजा जाएगा रिमाइंडर
देवभूमि संघर्ष समिति ने यह भी कहा है कि वह इस मामले में नगर निगम आयुक्त को जल्द ही एक रिमाइंडर पत्र भेजेगी, ताकि अदालत के आदेश को शीघ्र लागू करवाया जा सके.
वक्फ बोर्ड पर लगाए गंभीर आरोप
एडवोकेट पॉल ने कहा कि मस्जिद से मात्र 50 मीटर की दूरी पर एक और मस्जिद स्थित है, लेकिन वक्फ बोर्ड उस पर कोई चर्चा नहीं करता. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में वक्फ बोर्ड के खिलाफ मोटिव, नॉलेज, एविडेंस और प्रूफ सभी मौजूद हैं, और उन्हें सत्य छुपाने का दोषी बताया.
देवभूमि संघर्ष समिति की मांग है कि नगर निगम आयुक्त अदालत के आदेशों का तुरंत पालन करवाएं और संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई में देरी न करें.