Shimla News(संदीप सिंह): हिमाचल प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत का मामला अब एक नया मोड़ ले चुका है. हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई है. लेकिन इसके तुरंत बाद राज्य की पुलिस व्यवस्था में बड़ी दरार सामने आई है.
हिमाचल प्रदेश पुलिस महकमे में एक बड़ा विवाद तब सामने आया जब शिमला के पुलिस अधीक्षक ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए. अधीक्षक ने अदालत में अपने बयान और प्रस्तुत दस्तावेजों के माध्यम से DGP पर जांच में हस्तक्षेप, झूठे शपथ पत्र दाखिल करने, तथा पुलिस विभाग की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए हैं.
पुलिस अधीक्षक का दावा है कि उन्होंने एक संवेदनशील मामले की जांच पूरी ईमानदारी और 26 वर्षों की अपनी पेशेवर सत्यनिष्ठा के साथ की थी, परंतु DGP कार्यालय ने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि CID द्वारा की गई एक जांच से संबंधित गोपनीय पत्र को कार्यालय से चुराकर बाहर पहुंचाया गया, जिसमें DGP कार्यालय के निजी स्टाफ की संलिप्तता की बात सामने आई है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि DGP ने CID में अपनी पसंद के अधिकारियों से जांच कराने की कोशिश की और कोर्ट को गुमराह करने वाले शपथ पत्र दायर किए. एक व्यापारी निशांत शर्मा के मामले का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि इससे पहले भी उन्होंने संजय कुंडू के कार्यकाल में बिना किसी पक्षपात के उच्च न्यायालय में एफिडेविट दायर किया था.
SP ने यह भी खुलासा किया कि एक अन्य मामले में DGP ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव डालकर झूठी रिपोर्ट तैयार करवाई थी. इसके अलावा, उन्होंने एक पत्र के जरिये राज्य सरकार को यह भी सूचित किया था कि NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) की मदद से एक फर्जी सबूत तैयार कर कुछ अधिकारियों को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रची गई. SP का कहना है कि उन्होंने इन सभी मामलों की जानकारी समय-समय पर राज्य सरकार और एडवोकेट जनरल को भी दी है, लेकिन अभी तक इन पर उचित कार्रवाई नहीं हुई है.
उन्होंने अदालत से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है. “अगर मेरे लगाए गए आरोप झूठे साबित होते हैं, तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं,” गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा। वर्तमान डीजीपी के खिलाफ शिमला पुलिस के पास गंभीर शिकायतें आइ है, जनता को यह भी बताना ज़रूरी है. बेहद गम्भीर आरोप लगाते हुए गांधी ने बताया की डीजीपी के स्टाफ के लोग ड्रग पैडलर संजीव भूरिया गैंग से मिले हुए है.
इतना ही नहीं प्रेस वार्ता के दौरान गांधी ने पूर्व डीजीपी संजय कुंडू पर भी सवाल उठाए. उन्होंने बताया कि शिमला के एक रेस्टोरेंट में सिलेंडर ब्लास्ट की घटना के बाद एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) को बुलाना अनावश्यक और प्रक्रियाओं के विपरीत था. इसके बाद उन पर जो आरोप लगाए गए, वे बेबुनियाद साबित हुए.
गांधी ने हाईकोर्ट की सुनवाई से संबंधित वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने पर कड़ी आपत्ति जताई और भाजपा विधायक सुधीर शर्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. एसपी गांधी ने यह भी बताया कि वह और उनकी टीम इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने के लिए हाईकोर्ट में दोबारा अपील करने जा रहे हैं. यह मामला हिमाचल प्रदेश में पहली बार पुलिस विभाग के भीतर खुली टकराव की स्थिति को दर्शा रहा है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एक-दूसरे पर खुलेआम आरोप लगा रहे हैं, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं.