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सुक्खू कैबिनेट की बैठक संपन्न, 500 पशु मित्रों की भर्ती को मिली मंज़ूरी

Himachal Cabinet Meeting: राज्य सरकार ने गैर-सरकारी दुग्ध सहकारी समितियों को दूध आपूर्ति करने वाले किसानों के लिए "दूध प्रोत्साहन योजना" शुरू करने का फैसला लिया है. इसके तहत दुग्ध उत्पादकों को 3 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दी जाएगी.

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सुक्खू कैबिनेट की बैठक संपन्न, 500 पशु मित्रों की भर्ती को मिली मंज़ूरी
Manpreet Singh|Updated: Jun 28, 2025, 05:47 PM IST
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Himachal Cabinet Meeting: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज शिमला में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. मुख्यमंत्री इस बैठक के लिए पैदल ही अपने सरकारी आवास ओक ओवर से राज्य सचिवालय पहुंचे. बैठक के बाद राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जानकारी दी कि राज्य कैबिनेट ने लेवल-11 वेतनमान के पदों को ग्रुप-बी से ग्रुप-सी में पुनर्वर्गीकृत करने को स्वीकृति प्रदान की है. इस निर्णय के तहत अब केवल बोनाफाइड (स्थायी) हिमाचली ही ग्रुप-सी पदों के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे. पहले इन पदों की भर्ती हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से होती थी और देशभर के अभ्यर्थी इसके लिए आवेदन कर सकते थे. अब यह प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के माध्यम से ग्रुप-सी के नियमों के तहत की जाएगी.

मंत्रिमंडल ने 500 पशु मित्रों की भर्ती का भी निर्णय लिया है. इन्हें 5000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा. साथ ही लोक निर्माण विभाग के लगभग 5000 मल्टी टास्क वर्कर्स के मासिक मानदेय को 5000 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये करने की भी मंज़ूरी दी गई है.

राज्य सरकार ने गैर-सरकारी दुग्ध सहकारी समितियों को दूध आपूर्ति करने वाले किसानों के लिए "दूध प्रोत्साहन योजना" शुरू करने का फैसला लिया है. इसके तहत दुग्ध उत्पादकों को 3 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दी जाएगी.

कैबिनेट बैठक में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) का मुख्यालय शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने की स्वीकृति दी गई है. यह निर्णय कांगड़ा को हिमाचल की पर्यटन राजधानी घोषित किए जाने के दृष्टिगत लिया गया है. इससे शिमला शहर पर भीड़ का दबाव कम करने में मदद मिलेगी.

इसके अतिरिक्त, जिला देहरा की पुलिस लाइनों में विभिन्न श्रेणियों के 101 पदों के सृजन को भी मंज़ूरी दी गई है. साथ ही राज्य की 3645 पंचायतों में “पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र” स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है, ताकि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके.

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