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Kullu जिला की 235 में से 19 पंचायत हुईं टीबी मुक्त, 1350 मरीजों का चल रहा इलाज

TB Free India Campaign: देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए हिमाचल प्रदेश की पंचायतें भी सहयोग कर रही हैं. जिला कुल्लू की 235 में से 19 पंचायतें टीबी मुक्त हो गई हैं. 

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Kullu जिला की 235 में से 19 पंचायत हुईं टीबी मुक्त, 1350 मरीजों का चल रहा इलाज
Poonam |Updated: Oct 24, 2024, 02:36 PM IST
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TB Free India Campaign: भारत को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में अंब पंचायत के सहयोग से देश को टीबी मुक्त करने की मुहिम चल रही है. जिला कुल्लू में 19 पंचायतें पूरी तरह से टीबी मुक्त हो चुकी हैं, लेकिन अभी भी बाकी पंचायतों में टीबी के कुछ मरीज हैं जो अभी तक पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो पाए हैं. ऐसे में जल्द से जल्द जिला कुल्लू की पंचायत को टीबी मुक्त किया जा सके, इसके लिए ढालपुर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 19 पंचायतों को टीबी मुक्त होने पर सम्मानित भी किया गया.

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि मणिकर्ण घाटी के जरी विकासखंड में सबसे अधिक टीबी के मरीज हैं और 1350 टीबी के मरीजों का जिला कुल्लू में इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने अंब पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे भी अपनी पंचायत को टीबी मुक्त बनाने में सरकार का सहयोग करें ताकि इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सके. 

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इसी विषय को लेकर जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में सीएमओ कुल्लू डॉक्टर नागराज पवार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. जिला कुल्लू के विभिन्न विकास खंड से आई 19 पंचायत के प्रतिनिधियों को भी टीबी मुक्त पंचायत होने के लिए सम्मानित किया गया. 

सीएमओ डॉक्टर नागराज पवार ने कहा कि अब सरकार की ओर से टीबी के मरीजों के लिए जो पोषण राशि पहले 500 रुपये दी जाती थी. वह अब नवंबर माह से 1000 रुपये कर दी है. इसके अलावा गंभीर टीबी के मरीजों के इलाज की राशि भी बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी गई है. इससे उन्हें अपने खान-पान और सही पोषण को कायम रखने में काफी मदद मिलेगी. 

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सीएमओ डॉक्टर नागराज पवार ने बताया कि जिला कुल्लू के जरी विकासखंड में सबसे अधिक टीबी के मरीज पाए गए हैं, क्योंकि इन इलाकों में सर्दियों में अधिक ठंड पड़ती है. ऐसे में एक-दूसरे से तेजी से संक्रमण फैलता है. ऐसे में निक्षय मित्र भी हर पंचायत में बनाए जा रहे हैं. पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से जल्द ही जिला कुल्लू टीबी मुक्त होगा.

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