Shimla News(अंकुश डोभाल): HPPCL चीफ़ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत मामले में शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया. न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की अदालत ने मामले की जांच CBI को सौंपने के आदेश दिए हैं. साथ ही उच्च अदालत ने कहा है कि विमल नेगी मौत मामले की जांच में हिमाचल कैडर के किसी अधिकारी को शामिल नहीं किया जाए.
अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि मामले में गठित SIT की जांच केवल विमल नेगी की मानसिक स्थिति तक सीमित रही. साथ ही हिमाचल प्रदेश पुलिस डीजीपी की ओर से भी SIT की जांच पर प्रश्न लगाए गए हैं. ऐसे में यह जांच CBI को सौंपी जानी चाहिए. मामले में चल रही जांच पर परिवार ने असंतोष जताया था. इसके बाद विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने CBI जांच की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी.
याचिकाकर्ता पक्ष के एडवोकेट आर.के. बावा ने कहा कि विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी की ओर से मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी. इस पर न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए मामले की जांच CBI को सौंपने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने CBI को भी निर्देश दिए हैं कि मामले की जांच में हिमाचल कैडर का कोई अधिकार शामिल न किया जाए.
वहीं, अदालत के इस फैसले का परिवार ने भी स्वागत किया है. विमल नेगी के भाई सुरेंदर नेगी और मामा राजिंदर नेगी ने कहा कि इस मामले में प्रदेश सरकार की एजेंसियां सही तरीके से जांच नहीं कर रही थी. परिवार पहले दिन से कह रहा था कि मामले में निष्पक्ष जांच के लिए मामला CBI को सौंपा जाना चाहिए. परिवार ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार की एजेंसियां पूरे मामले में निष्पक्षता के साथ जांच नहीं कर रही थी. जिस ASI ने विमल ने की के शव से पेन ड्राइव निकली थी, उसी के पास विमल नेगी का फोन भी हो सकता है.
साथ ही एजेंसियां सबूतों को दबाने और मिटाने का काम कर रही थी. इसके अलावा परिवार में मामले में बड़े अधिकारियों के संलिप्त होने और एजेंसियों की ओर से बचाए जाने का भी आरोप लगा है. परिवार का ये भी आरोप है कि बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है. इसे छिपाने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि इस फैसले के बाद अब परिवार को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिल सकेगा. इसी तरह विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच के कार्यकारी अध्यक्ष भगत नेगी ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया.
उन्होंने कहा कि विमल नेगी एक ईमानदार अधिकारी थे अदालत ने मामले की जांच CBI को सौंपने का फैसला लिया है. अब उन्हें उम्मीद है कि अब इस पूरे मामले में न्याय मिल सकेगा. उन्होंने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि वह पहले से ही इस पूरे मामले में हो रही गैर निष्पक्ष जांच पर सवाल खड़े कर रहे थे.