Shimla News(अंकुश डोभाल): हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में वोकेशनल शिक्षकों का विरोध-प्रदर्शन लगातार 11वें दिन भी जारी है. अंबेडकर चौक पर डटे ये शिक्षक सरकार से अपने लिए स्थायी नीति बनाने और अनुबंधित कंपनियों के माध्यम से सेवाएं देने की प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि MOU के माध्यम से निजी कंपनियों के तहत सेवाएं देना अस्थिरता पैदा करता है, जिससे उनका भविष्य असुरक्षित बना हुआ है.
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला शिक्षक भी हिस्सा ले रही हैं, जो अपने छोटे बच्चों के साथ धरनास्थल पर डटी हुई हैं. इससे साफ है कि आंदोलन अब केवल नौकरी की मांग नहीं, बल्कि सम्मान और भविष्य की सुरक्षा का सवाल बन चुका है.
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सोमवार को शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की थी, लेकिन इस बैठक से भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका. शिक्षकों का आरोप है कि कुछ अधिकारी मुख्यमंत्री को वास्तविक स्थिति से अवगत कराने के बजाय ग़लत जानकारी दे रहे हैं, जिससे उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा.
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हिमाचल प्रदेश वोकेशनल शिक्षक एसोसिएशन के महासचिव नीरज बंसल ने स्पष्ट कहा कि शिक्षक अपनी मांगों पर अडिग हैं और जब तक उन्हें स्थायी नीति का आश्वासन नहीं मिलता, तब तक वे धरना स्थल से हटने वाले नहीं हैं. उन्होंने बताया कि वे दोबारा मुख्यमंत्री से मिलने की योजना बना रहे हैं ताकि उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाया जा सके.