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हमीरपुर टाउन हॉल में ‘वॉर अगेंस्ट ड्रग्स’ कार्यक्रम आयोजित, छात्रों और अधिकारियों ने लिया संकल्प

पुलिस अधीक्षक हमीरपुर भगत सिंह ठाकुर ने बताया कि नशे के खिलाफ छेड़ी गई पुलिस की मुहिम का साकारात्मक असर देखने को मिला है. पंचायत प्रतिनिधयों के सहयोग से पुलिस ने चिट्टे के कई मामले पकड़े हैं.

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हमीरपुर टाउन हॉल में ‘वॉर अगेंस्ट ड्रग्स’ कार्यक्रम आयोजित, छात्रों और अधिकारियों ने लिया संकल्प
Raj Rani|Updated: Jul 10, 2025, 02:53 PM IST
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Hamirpur News(अरविंदर सिंह): जिला पुलिस की वार अंगेस्ट ड्रग मुहिम के तहत शहर के टाउन हॉल में एक युद्ध नशे के विरूद्ध संकल्प के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक हमीरपुर भगत सिंह ठाकुर ने की. इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. सभी ने मिलकर नशे के खिलाफ पुलिस की मुहिम का साथ देने का संकल्प लिया है. 

स्कूली छात्रों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर भाग लिया तथा नशे पर अपने विचार रखे. नशे के खिलाफ छात्र-छात्राओं की भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें इन्होंने बढ़चढ़ कर भाग लिया तथा विचार रखे. इसके अलावा कार्यक्रम में आए कई विशेषज्ञ नशे की समस्याए इसके दुष्प्रभावों और इस समस्या के निवारण के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा किए. कार्यक्रम के दौरान नशे के विरुद्ध जागरुकता पर आधारित वीडियो भी प्रसारित किया गया. एसपी भगत सिंह ठाकुर जिला हमीरपुर में चलाए जा रहे वॉर अगेंस्ट ड्रग्स यानि एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया.

पुलिस अधीक्षक हमीरपुर भगत सिंह ठाकुर ने बताया कि नशे के खिलाफ छेड़ी गई पुलिस की मुहिम का साकारात्मक असर देखने को मिला है. पंचायत प्रतिनिधयों के सहयोग से पुलिस ने चिट्टे के कई मामले पकड़े हैं. इसी तरह का सहयोग मिलता रहा तो समाज से नशाखोरी का समाप्त करने में सफलता मिल सकती है. इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है.

पुलिस अधीक्षक हमीरपुर ने कहा कि गुरूवार को टाउन हॉल में नशे के खिलाफ भी कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य सभी को नशे के प्रति जागरूक कर इसके समाज पर पड़ रहे दुष्प्रभावों की जानकारी देना है ताकि सभी समजा को नशामुक्त करने में मुहिम का हिस्सा बनें. उन्होंने बताया कि मंच से सभी नशे अपने विचार रखे रहे हैं.

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि चिट्टा समाज के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. इसलिए पुलिस अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक किए गए हैं ताकि सूचनाएं पुलिस को मिल सकें. इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आया है.

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