Nahan News(देवेंदर वर्मा): शिरगुल स्थली चूड़धार जाने वाले श्रद्धालुओं से वसूले जा रहे शुल्क का चौतरफा विरोध हो रहा है और लोग सरकार के इस फैसले को गलत ठहरा रहे है. चुड़ेश्वर सेवा समिति ने शुल्क का विरोध जताते हुए एक बार फिर इस मामले में पुनर्विचार करने की मांग की है.
नाहन में मीडिया से बात करते हुए चूड़ेश्वर सेवा समिति की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष सुरेंद्र हिंदुस्तानी ने बताया कि इस शुल्क को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और श्रद्धालुओं से शुल्क लेना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में ऐसा पहली बार होगा जब किसी हिंदू धार्मिक स्थल पर जाने वाले लोगों से एंट्री टैक्स के रुप में शुल्क वसूला जा रहा हो जो पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन जाएगा.
उन्होंने कहा कि शुल्क में सिर्फ सोलन सिरमौर और शिमला जिला के लोगों को छूट दी गई है जबकि यहां प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा बाहरी राज्यों से भी बड़ी संख्या श्रद्धालु में पहुंचते है और शुल्क लागू कर अब सरकार यहां इन श्रद्धालुओं को रोकना चाहती है.
उन्होंने कहा कि चूड़धार पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा की तरफ सरकार को ध्यान देना चाहिए क्योंकि आज भी चूड़धार में जो सुविधा श्रद्धालुओं मिल पा रही है. वह चूड़ेश्वर सेवा समिति द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है जबकि इस मामले में सरकार को गंभीरता से विचार करते हुए व्यवस्थाएं जुटानी चाहिए. उन्होंने हैरानी जताई की चूडधार मन्दिर का सारा चढ़ावा भी सरकारी खाते में जाता है. उसके बावजूद भी यहां सरकारी स्तर पर सुविधाएंक नहीं जुटा जा रही है.