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क्या सीएम के दौरे से सुधरेगी शरची की हालात? भाषण में नहीं हुआ समस्याओं का जिक्र, फिर भी ग्रामीणों को उम्मीद

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र की शरची पंचायत में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय दौरा किया और गांव में रात भी बिताई. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ सीधी बातचीत की और स्थानीय समस्याओं को सुना.

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क्या सीएम के दौरे से सुधरेगी शरची की हालात? भाषण में नहीं हुआ समस्याओं का जिक्र, फिर भी ग्रामीणों को उम्मीद
Raj Rani|Updated: May 29, 2025, 06:49 PM IST
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Kullu News(मनीष ठाकुर): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के द्वारा जिला कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र के शरची पंचायत में सरकार गांव के द्वारा कार्यक्रम के तहत जहां रात बिताई गई. तो वहीं देर रात तक ग्रामीणों के साथ मुख्यमंत्री के द्वारा वार्ता भी की गई. इस दौरान ग्रामीणों ने पंचायत की मुख्य समस्याओं से सीएम को अवगत भी करवाया. तो वही मुख्यमंत्री के द्वारा भाषण में उन सब समस्याओं के बारे में कोई बात ना किए जाने के चलते उनमें मायूसी भी नजर आई. 

हालांकि ग्रामीणों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री ने अगर उनके इलाके का दौरा किया है. तो इसे अब उनके हालात बदलेंगे। ऐसे में अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री के द्वारा इन सभी समस्याओं को कितने समय में हल किया जाता है. मुख्यमंत्री के द्वारा दो दिनों तक बंजार विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया गया और शरची गांव में रात भी बीते गई. वहीं मुख्यमंत्री ने गांव साथ-साथ इस पूरे इलाके को पर्यटन के साथ जोड़ने की भी बात कही.

सरची पंचायत की प्रधान रामेश्वरी ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री उनके इलाके में आए यह बहुत अच्छी बात है और सभी लोगों ने मांग पत्र भी मुख्यमंत्री को सौंपा. लेकिन लोगों के बीच यह भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री के द्वारा अपने भाषण में इन समस्याओं का जिक्र नहीं किया गया. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह इस और विशेष ध्यान दें. 

रामेश्वरी ठाकुर का कहना है कि इस गांव को जोड़ने वाली सड़क के हालात काफी खराब है और स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री के द्वारा इन सभी समस्याओं के समाधान के बारे में ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया है और जल्द से जल्द इन सभी समस्याओं का समाधान भी किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि बंजार की तीर्थन घाटी पर्यटन के क्षेत्र में भी अब नए आयाम स्थापित कर रही है. ऐसे में पर्यटन के क्षेत्र के लिए भी यहां पर सरकार को विशेष कदम उठाने चाहिए.

वहीं स्थानीय महिला किरण देवी का कहना है कि यहां पर जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. वहां पर बीते 4 सालों से कोई भी डाक्टर तैनात नहीं है. बारिश के दिनों में मरीज को पालकी पर डालकर पहले गुशैनी पहुंचाना पड़ता है और गुशेनी से टैक्सी के माध्यम से उन्हें कुल्लू ले जाना पड़ता है. गांव में अगर कोई थोड़ा भी बीमार हो जाए तो उसके इलाज के लिए यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा स्कूल में स्टाफ की भी कमी है. अगर स्कूल का स्टाफ कहीं कार्य से चला जाए तो उसके बाद मल्टीटास्क वर्कर को ही पूरा स्कूल संभालना पड़ता है. ऐसे में सरकार के ध्यान में सभी बातें लाई गई है और उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान करें.

वही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का कहना है कि यह इलाका ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के अधीन आता है और यहां पर विकास कार्यों को करवाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है. ऐसे में इन सभी बातों को लेकर केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा जाएगा. ताकि यहां पर विकास कार्यों को अंजाम देने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति मिल सके. यहां पर होम स्टे की नीति को भी बढ़ावा दिया जाएगा. ताकि ग्रामीण क्षेत्र में पर्यटन गतिविधि को बढ़ावा दिया जा सके.

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