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हिमाचल में बंद सड़कों को खोलने की तैयारी तेज, जल्द जारी होगा आपातकालीन नंबर – विक्रमादित्य सिंह

हिमाचल में मॉनसून की बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में सड़क बहाली कार्य तेज़ कर दिया गया है. विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि राज्य में बारिश से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की गई, जिसमें राहत व बहाली कार्यों को लेकर विस्तृत योजना बनाई गई है.  

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हिमाचल में बंद सड़कों को खोलने की तैयारी तेज, जल्द जारी होगा आपातकालीन नंबर – विक्रमादित्य सिंह
Raj Rani|Updated: Jun 30, 2025, 05:17 PM IST
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Shimla News(अंकुश डोभाल): हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही रही है. मॉनसून की बारिश से हुए नुकसान को लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि विभाग के सभी अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की गई है. इस दौरान प्रदेश में हुए नुकसान का विस्तृत आंकलन किया गया है. उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 390 सड़कें बंद थीं. इन सड़कों को खोलने के लिए तुरंत प्रभाव से मशीनरी तैनात कर दी गई है. इनमें से 288 सड़कों को एक दिन के भीतर खोलने का लक्ष्य रखा गया है. 56 सड़कों को 1 जुलाई तक और शेष 46 सड़कों को 1 जुलाई के बाद खोला जाएगा. 

मंत्री ने आश्वस्त किया कि अगले तीन दिनों में प्रदेश की सभी बंद सड़कों को खोलने का प्रयास किया जाएगा. मंत्री ने जानकारी दी कि 110 जेसीबी मशीनें विभाग की ओर से और 132 जेसीबी मशीनें हायर की गई हैं. इसके अलावा छह रोबोटिक मशीनें, 14 डोजर, 65 विभागीय टिप्पर और 24 हायर टिप्पर भी तैनात किए गए हैं. इन सभी मशीनों को जरूरत के मुताबिक विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है. विभाग की ओर से एक आपातकालीन नंबर भी जल्द जारी किया जाएगा, जिसे ईएनसी ऑफिस में सक्रिय रखा जाएगा. इस नंबर पर कॉल कर नागरिक तत्काल सहायता प्राप्त कर सकेंगे.

विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि विभाग के पास लगभग 20 करोड़ रुपये मूल्य के बैली ब्रिज स्टॉक में उपलब्ध हैं. विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि जहां भी पुल बह जाते हैं, वहां तुरंत प्रभाव से बैली ब्रिज स्थापित कर आवाजाही बहाल की जाए.

उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में वह स्वयं भी अगले कुछ दिनों में जाकर हालात का जायजा लेंगे और स्थानीय लोगों के लिए राहत कार्य सुनिश्चित करेंगे. मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के कारण भारी बारिश, बादल फटने जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. यह सिर्फ हिमाचल ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत और अन्य पहाड़ी राज्यों के लिए चिंता का विषय है. 

उन्होंने यह भी बताया कि राज्य को तीन जोनों रेड, ऑरेंज और ग्रीन में विभाजित किया गया है. रेड जोन को सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र माना गया है, जहां 24 घंटे अधिकारियों को तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं. आपदा की स्थिति में तत्काल राहत सुनिश्चित की जाएगी.

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