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एफआरए को लेकर जिला-उपमंडल स्तर पर आयोजित होंगी कार्यशालाएं: राजस्व मंत्री जगत नेगी

Himachal News: राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सभी पंचायतों में वन अधिकार समितियां गठित करना अनिवार्य है तथा उपमंडल स्तर पर इन समितियों को अधिनियम के बारे में अवगत करवाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

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एफआरए को लेकर जिला-उपमंडल स्तर पर आयोजित होंगी कार्यशालाएं: राजस्व मंत्री जगत नेगी
Raj Rani|Updated: Apr 04, 2025, 10:55 AM IST
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Dharamshala News(विपन कुमार): राजस्व मंत्री जगत नेगी ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए जिला और उपमंडल स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी ताकि पात्र लोगों को जीवन निर्वाह की भूमि पर मालिकाना हक दिलाया जा सके. स्कूल शिक्षा एजुकेशन बोर्ड के परिसर में वन अधिकार अधिनियम को लेकर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सभी पंचायतों में वन अधिकार समितियां गठित करना अनिवार्य है तथा उपमंडल स्तर पर इन समितियों को अधिनियम के बारे में अवगत करवाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया भी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे.

उन्होंने कहा कि वन भूमि पर निर्वाह करने वाले लोगों को निर्धारित फार्म पर आवेदन करना होगा. इसके लिए ग्राम सभा का अनुमोदन और दो लोगों की गवाही जरूरी होगी. इसके अलावा कोई खर्चा नहीं होगा. दावेदार का कब्जा इस भूमि पर 13 दिसंबर 2005 से पहले तीन पुश्तों तक होना चाहिए. अधिनियम में दावा करने वालों को फार्म भरना होगा। पत्नी का नाम भी जरूरी होगा. पत्नी बराबर की हिस्सेदार होगी. अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग से हैं तो प्रमाण पत्र लगाना होगा, सामान्य वर्ग से हैं तो गांव के निवासी होने का पहचान पत्र वोटर आई कार्ड या आधार कार्ड लगाना होगा. 

साक्ष्य के लिए दो बुजुर्गों के बयान लगेंगे जो पुष्टि करेंगे कि दावेदार का कब्जा इस भूमि पर 13 दिसंबर 2005 से पहले तीन पुश्तों तक का है. जिस भूमि पर दावा जता रहे हैं उसकी लंबाई और चैड़ाई की जानकारी खुद नक्शा नजरी बनवा कर दे सकते हैं यदि उसका राजस्व रिकॉर्ड नहीं है. अन्यथा भूमि का राजस्व रिकॉर्ड पेश करना होगा.

प्रार्थना पत्र को पंचायत की ग्राम सभा से वन अधिकार समिति (एफआरटी) के माध्यम से अनुमोदित किया जाएगा. समिति में अधिकतम 15 लोग हो सकते हैं एक तिहाई महिलाएं होनी चाहिएं, एक अध्यक्ष होगा एक सचिव होगा. यह कमेटी मौके पर जा कर दावों को लेकर रिपोर्ट बनाएगी. कमेटी लिखित सूचना पटवारी और गार्ड को देगी, और इन्हें अनिवार्य तौर पर कमेटी के साथ मौके पर जाना होगा. बिना सूचना दिए अगर नहीं जाते तो 1000 रुपये जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. 

एफआरटी को अधिकार नहीं कि दावे को स्वीकृति दें, इनका काम सिर्फ मौके पर जाकर सत्यापन करने का है. उपायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति दावों का निपटारा और दस्तावेजीकरण कर स्वीकृति देगी जिसके बाद दावेदार को भूमि का पट्टा देकर मालिकाना हक दिया जाएगा.

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