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Janaki Jayanti 2025: क्या आप जानते हैं कब और कहां हुआ था माता सीता का जन्म ?

Janaki Jayanti 2025: जानकी जयंती हर साल देवी सीता के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाती है. इस साल यह आज, 21 फरवरी को मनाई जा रही है. आइए जानते हैं कि माता सीता का जन्म कब और कहा हुआ था.  

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Janaki Jayanti 2025: क्या आप जानते हैं कब और कहां हुआ था माता सीता का जन्म ?
Raj Rani|Updated: Feb 21, 2025, 12:20 PM IST
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Janaki Jayanti 2025: देवी सीता की जयंती जिसे जानकी जयंती के रूप में जाना जाता है शुक्रवार, 21 फरवरी, 2025 को मनाई जा रही है. माघ महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाने वाली जानकी जयंती मिथिला (आधुनिक जनकपुर, नेपाल) और पूरे भारत में व्यापक रूप से पूजनीय है. भक्त इस दिन प्रार्थना करके, रामायण कथा का पाठ करके और पवित्रता, भक्ति और लचीलेपन की प्रतिमूर्ति माता सीता के सम्मान में विशेष पूजा करके मनाते हैं.

देवी सीता का जन्म कहां हुआ था?
माना जाता है कि माता सीता, जिन्हें जानकी या वैदेही के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म जनकपुर, वर्तमान नेपाल में हुआ था, जो मिथिला की प्राचीन राजधानी थी, जिस पर राजा जनक का शासन था. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, उनका जन्म पारंपरिक तरीके से नहीं हुआ था, बल्कि उन्हें राजा जनक ने एक हल (जोती हुई ज़मीन) में पाया था, जिसके कारण उन्हें "भूमि पुत्री" (धरती माता की बेटी) के रूप में सम्मानित किया गया. यह दिव्य उत्पत्ति उनकी पवित्रता, शक्ति और प्रकृति के साथ दिव्य संबंध का प्रतीक है.

माता सीता का जन्म कब हुआ?
नेपाली पंचांग और मिथिला परंपराओं के अनुसार, हिंदू परंपराएं जानकी जयंती को माघ महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि से जोड़ती हैं. जबकि कई हिंदू सीता नवमी (वैशाख महीने में हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार उनकी जयंती) मनाते हैं, जानकी जयंती विशेष रूप से मिथिला और नेपाल में मनाई जाती है.

Janaki Jayanti 2025: महत्व
पवित्रता और भक्ति का प्रतीक -
देवी सीता पवित्रता, समर्पण और धैर्य के गुणों का प्रतीक हैं, जो उन्हें भक्तों के लिए एक दिव्य आदर्श बनाती हैं.
रामायण से संबंधित - सीता का जीवन और कठिनाइयां, विशेषकर भगवान राम के साथ उनका वनवास, धर्म में उनकी अटूट आस्था को दर्शाता है.
मिथिला और नेपाल में पूजा - जनकपुर में जानकी मंदिर में भव्य समारोह आयोजित किए जाते हैं, जो एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है जहां भक्त उनकी विरासत का सम्मान करते हैं.
मनोकामनाएं और आशीर्वाद पूर्ण करना - ऐसा माना जाता है कि जानकी जयंती मनाने से भक्तों को वैवाहिक आनंद, समृद्धि और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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