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Magh Purnima 2025: जानिए तिथि, समय, शुभ मुहूर्त, माघी पूर्णिमा का महत्व और अनुष्ठान

Magh Purnima 2025: माघी पूर्णिमा माघ महीने के अंत का प्रतीक है. श्रद्धालु पवित्र जल निकायों में पवित्र डुबकी लगाते हैं, जो कुंभ मेले और माघ मेले के उत्सव के साथ मेल खाता है. इस वर्ष, माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी. इस शुभ दिन की तिथि, समय, अनुष्ठान और महत्व जानिए-  

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Magh Purnima 2025: जानिए तिथि, समय, शुभ मुहूर्त, माघी पूर्णिमा का महत्व और अनुष्ठान
Raj Rani|Updated: Feb 11, 2025, 02:05 PM IST
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Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत अधिक आध्यात्मिक महत्व है. यह शुभ दिन माघ महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो माघ अवधि के दौरान किए गए पवित्र अनुष्ठानों और धार्मिक गतिविधियों की परिणति का प्रतीक है. 2025 में, माघ पूर्णिमा बुधवार, 12 फरवरी को पड़ रही है. भक्तों के लिए, यह दिन अपने पापों को धोने और उपवास, दान और प्रार्थना के माध्यम से दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर माना जाता है.

Magh Purnima 2025: शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त:
सुबह 05:05 बजे से सुबह 05:54 बजे तक
अमृत काल: शाम 05:55 बजे से शाम 07:35 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:31 बजे से 03:18 बजे तक
निशिता मुहूर्त: 12:09 पूर्वाह्न, 13 फरवरी से 12:58 पूर्वाह्न, 13 फरवरी

इस पूर्णिमा के महत्व को मनाने के लिए भक्तजन सुबह से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं और पूरे दिन अनुष्ठान करते हैं.

Magh Purnima 2025: अनुष्ठान
पवित्र स्नान:  गंगा, यमुना या किसी भी नजदीकी जल निकाय जैसी पवित्र नदियों में पवित्र डुबकी लेना आवश्यक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि माघ पूर्णिमा पर स्नान करने से पिछले पाप धुल जाते हैं और आत्मा शुद्ध होती है.
उपवास: उपवास  के दौरान भक्त एक दिन का उपवास रखते हैं. यह प्रथा आत्म-अनुशासन और आध्यात्मिक विकास के प्रति उनकी भक्ति और प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
दान: माघ पूर्णिमा पर जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक चीजें देना एक प्रमुख अनुष्ठान है. ब्राह्मणों और गरीबों को तिल, चावल और घी दान करना अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है.
विशेष प्रार्थना: मंदिरों या घरों में पूजा-अर्चना और हवन करना इस दिन का अभिन्न अंग है. कई लोग वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं और भगवान विष्णु को समर्पित अनुष्ठान करते हैं, समृद्धि और शांति के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं.
अन्नदानम (भोजन दान): वंचितों के लिए निःशुल्क भोजन का आयोजन करना एक आम प्रथा है. माना जाता है कि भोजन, विशेष रूप से गुड़ और तिल से बने मीठे व्यंजन वितरित करने से अपार आशीर्वाद मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मानयताओं पर आधारित है. ZeePHH इसका समर्थन नहीं करता है. इसे किसी भी समाधान के रूप में लेने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

 

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