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Sankashti Chaturthi 2024: कब है साल की आखिरी संकष्टी चतुर्थी? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

दिसंबर आखिरी महीना है इसलिए इस दौरान संकष्टी चतुर्थी और भी खास होगी. हर माह के कृष्ण पक्ष की चौथी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा और व्रत किया जाता है.  

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Sankashti Chaturthi 2024: कब है साल की आखिरी संकष्टी चतुर्थी? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Raj Rani|Updated: Dec 16, 2024, 06:38 PM IST
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Sankashti Chaturthi 2024: दिसंबर आखिरी महीना है इसलिए इस बार संकष्टी चतुर्थी और भी खास होगी. हर माह के कृष्ण पक्ष की चौथी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा और व्रत किया जाता है. आइए जानते हैं दिसंबर माह में संकष्ट चतुर्थी कब है? तिथि और शुभ समय के बारे में

मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ने वाली संकष्ट चतुर्थी को अखुरा संकष्टी के नाम से जाना जाता है. संकष्ट चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से व्यवसाय के साथ-साथ करियर में भी उन्नति होती है. अगर आपके जीवन में कई परेशानियां हैं तो संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा करने से शुभ फल मिलेगा. 

संकष्ट चतुर्थी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी तिथि 18 दिसंबर बुधवार को सुबह 10:00 बजे शुरू होगी और गुरुवार 19 दिसंबर को सुबह 10:02 बजे समाप्त होगी. निशा काल में पूजा होने के कारण संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 दिसंबर को रखा जाएगा.
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 5:19 से 6:40 तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 2:01 बजे से 2:42 बजे तक
शाम का समय - शाम 5:25 बजे से शाम 5:52 बजे तक
अमृत ​​काल- सुबह 6:30 बजे से 8:07 बजे तक

संकष्ट चतुर्थी पूजा अनुष्ठान
संकष्ट चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और देवघर की साफ-सफाई करनी चाहिए. इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें.
श्रीगणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. मूर्ति का गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें.
कुंकु, हल्दी-चंदन, माला-फूल से सजाएं.
घी का दीपक जलाएं और मोदक व भोग लगाएं.
ॐ गणेशाय नमः मंत्र का जाप करें और भगवान गणेश की आरती करें.

संकष्ट चतुर्थी का महत्व
भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं. श्री गणेश को संकट मोचन कहा जाता है. इनकी पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. धन लाभ होने से व्यापार में वृद्धि होती है. भगवान गणेश की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
(Disclaimer: इस लेख में बताई बातें केवल सामान्य सूचना के लिए हैं. ZeePHH इस लेख में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है. इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न मान्यताओं से संग्रहित की गई हैं. पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें.)

 

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