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Mauni Amavasya 2025: कब है मौनी अमावस्या? जानें तिथि, महत्व, अनुष्ठान और पवित्र स्नान समय

मौनी अमावस्या की आध्यात्मिक गहराई और प्राचीन परंपराओं की खोज करें, जो आत्म-चिंतन, उपवास और पवित्र अनुष्ठानों के लिए एक पवित्र दिन है. आइए  हम आपको बताते है कि मौनी अमावस्या की विस्तार से जानकारी.  

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Mauni Amavasya 2025: कब है मौनी अमावस्या? जानें तिथि, महत्व, अनुष्ठान और पवित्र स्नान समय
Raj Rani|Updated: Jan 22, 2025, 11:42 AM IST
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Mauni Amavasya 2025: हिंदू कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक, मौनी अमावस्या बुधवार, 29 जनवरी, 2025 को मनाई जाएगी। माघी अमावस्या के रूप में जाना जाने वाला यह पवित्र दिन मौन, उपवास और गंगा नदी में अनुष्ठानिक स्नान पर जोर देता है जो शुद्धि और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लाखों भक्तों को आकर्षित करता है.

Mauni Amavasya 2025: तिथि और समय
मौनी अमावस्या इस साल बुधवार, 29 जनवरी 2025 को है. यह दिन माघ महीने की अमावस्या को मनाया जाता है और इसे धार्मिक दृष्टि से बहुत खास माना जाता है.

दिनांक: बुधवार, 29 जनवरी, 2025
अमावस्या तिथि आरंभ: 28 जनवरी 2025 को शाम 7:35 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी 2025 को शाम 6:05 बजे

मौनी अमावस्या का महत्व
-मौनी अमावस्या का मतलब है मौन रहकर ध्यान और साधना करना.
-इस दिन पवित्र नदियों जैसे गंगा, यमुना या संगम में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है.
-ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
-भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा का भी इस दिन विशेष महत्व है.

मौनी अमावस्या के मुख्य काम
पवित्र स्नान:
सुबह जल्दी उठकर गंगा या अन्य पवित्र नदियों में डुबकी लगाना. 
मौन व्रत: दिनभर मौन रहकर आत्मचिंतन करना.
दान-पुण्य: गरीबों को खाना, कपड़े और धन का दान करना.
पूजा-अर्चना: भगवान विष्णु और शिव की पूजा करके मंत्र जाप करना.

महाकुंभ मेले का स्नान
इस साल मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में कुंभ मेले का दूसरा अमृत स्नान होगा. लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाएंगे

आध्यात्मिक लाभ
मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान, दान और पूजा करने से मन की शांति मिलती है, पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है

कैसे मनाएं मौनी अमावस्या
-सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद भगवान की पूजा करें.
-दिनभर मौन व्रत रखने की कोशिश करें.
-गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें.
-दिन को आत्मचिंतन और नई शुरुआत के लिए उपयोग करें.

यह दिन धर्म, अध्यात्म और आत्मिक शांति प्राप्त करने का अनमोल अवसर है.
(Disclaimer: यह लेख सामान्य मानयताओं पर आधारित है. ZeePHH इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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