विजय भारद्वाज/बिलासपुर: देवभूमि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में आज मकर संक्रांति के दिन पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित देशभर से भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां नैनादेवी के दर्शन किए और प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां डालकर माता रानी का आशीर्वाद लिया. हालांकि पिछले कुछ दिनों से पंजाब और हरियाणा में ठंड के कहर के चलते नैनादेवी मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी दर्ज की गई थी, लेकिन आज मकर सक्रांति के दिन मौसम साफ होने के चलते सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिला.
आज मकर सक्रांति के पावन अवसर पर सुबह से ही मंदिर के कपाट दर्शनों के लिए खोल दिए गए थे. हालांकि पिछले कुछ दिनों से श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आने के चलते नैनादेवी मंदिर क्षेत्र के मुख्य बाजार में भी मंदी देखी गई, लेकिन आज मकर सक्रांति के दिन जैसे ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी वैसे ही दुकानदारों के चेहरे खिल उठे और उनका अच्छा कारोबार हुआ. वहीं नैनादेवी मंदिर अधिकारी विपिन ठाकुर और पुजारी दीपक भूषण ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस साल भी मकर सक्रांति के दिन भक्तों की भारी भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ी हुई है.
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क्या है मकर संक्रांति का महत्व
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है. इस त्योहार को देश के अलग-अलग हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी तो कई जगहों पर उत्तरायण के नाम से जाना जाता है. इस दिन खिचड़ी बनाने और दान करने का विशेष महत्व होता है. बता दें, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब यह त्योहार मनाया जाता है. ज्यादातर यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन कई बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को भी मनाया जाता है. हालांकि इस बार लोग इसे लेकर दुविधा में हैं. कुछ लोग मकर संक्रांति आज मना रहे हैं तो कुछ लोग कल यानी 15 जनवरी को मनाएंगे.
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