Haryana Budget 2025: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 2.05 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसका उद्देश्य राज्य को "भविष्य के लिए सक्षम" बनाना है. इस बजट में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव और योजनाओं की घोषणा की गई, जिनका राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास पर गहरा असर होगा.
मुख्यमंत्री सैनी ने राज्य विधानसभा में बजट पेश करते हुए बताया कि इस बार राज्य बजट के संबंध में उन्हें विभिन्न वर्गों से लगभग 11,000 सुझाव प्राप्त हुए थे, जिन्हें उन्होंने गंभीरता से लिया. बजट में 2,05,017.29 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव रखा गया है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 13.70 प्रतिशत अधिक है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में हरियाणा को भविष्य के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से एक नया विभाग "भविष्य विभाग" स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हरियाणा सरकार ने ई-गवर्नेंस पर विशेष ध्यान दिया है, और उनकी सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र के 217 वादों में से 19 वादों को पूरा किया है.
सैनी ने बताया कि हरियाणा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को बढ़ावा देने के लिए एक "हरियाणा एआई मिशन" स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिसमें विश्व बैंक द्वारा 474 करोड़ रुपये की सहायता का आश्वासन दिया गया है. इस मिशन के तहत गुरुग्राम और पंचकूला में एआई केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार 2,000 करोड़ रुपये का 'फंड ऑफ फंड्स' बनाएगी, जिसमें निजी निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों से बचाव के लिए मादक द्रव्यों के सेवन और नशे के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से "मादक पदार्थों के ज्ञान जागरूकता और मुक्ति कार्यक्रम प्राधिकरण" की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा है, इसके लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बजट में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए 'लाडो लक्ष्मी योजना' के तहत 5,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है, जिसके तहत महिलाओं को 2,100 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता मिलेगी.
अंत में, मुख्यमंत्री ने पलवल में बागवानी अनुसंधान केन्द्र और गुरुग्राम में फूल मंडी स्थापित करने का भी प्रस्ताव दिया, जिससे कृषि क्षेत्र में और विशेष रूप से बागवानी में नया दृष्टिकोण और विकास होगा.
यह बजट राज्य के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हरियाणा को एक सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में काम करेगा।