trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02406196
Home >>Celebrity ZEE Salaam

मशहूर संविधान एक्सपर्ट और लेखक ए.जी. नूरानी का निधन, 94 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

A.G Noorani:  द कश्मीर क्वेश्चन (1964)", मिनिस्टर्स मिसकंडक्ट (1973), कॉन्स्टिट्यूशनल क्वेश्चन एंड सिटीजन्स राइट्स (2006) जैसे दर्जनों किताब लिखने वाले मशहूर संविधान एक्सपर्ट और लेखक ए.जी. नूरानी का 94 साल की उम्र में इंतकाल हो गया.  अब्दुल गफूर अब्दुल मजीद नूरानी भारतीय राजनीति और न्यायशास्त्र पर एक लोकप्रिय टिप्पणीकार थे.

Advertisement
मशहूर संविधान एक्सपर्ट और लेखक ए.जी. नूरानी का निधन, 94 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
Md Amjad Shoab|Updated: Aug 29, 2024, 11:31 PM IST
Share

A.G Noorani Dies: मशहूर वकील, संविधान एक्सपर्ट और लेखक ए.जी. नूरानी का इंतकाल हो गया. उन्होंने 94 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. एजी नूरानी ने करीब छह दशकों से ज्यादा समय तक भारत में कानूनी और सियासी डिस्कशन पर अहम योगदान दिए हैं. एजी नूरानी ने हिन्दू ग्रुप के  "फ्रंटलाइन" मैगजीन में कई दशकों तक संवैधानिक और मानवाधिकार मुद्दों पर लिखते रहे.

1930 में बॉम्बे (अब मुंबई) में जन्मे अब्दुल गफूर अब्दुल मजीद नूरानी ने साल 1953 में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने कानून वकालतत की प्रैक्टिस के अलावा अपना ज्यादातर वक्त कानूनी, सियासी और ऐतिहासिक विषयों पर लिखने में दिया. शार्प माइंड और संवैधानिक मामलों के गहन जानकारी की वजह से उन्हें भारतीय राजनीति और न्यायशास्त्र पर एक लोकप्रिय टिप्पणीकार बना दिया.

तीन दशकों तक लिखते रहे "संवैधानिक प्रश्न" कॉलम
नूरानी फ्रंटलाइन के अलावा इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली, द हिंदुस्तान टाइम्स और द स्टेट्समैन जैसे प्रमुख अखबारों में अपनी सेवाएं दी थी. एजी नूरानी ने "फ्रंटलाइन पत्रिका" के साथ अपना काम 1980 के दशक में शुरू किया था, जिसके बाद वे इसी मैगजीन के लिए लिखते रहे.  उनके द्वारा लिखे गए कॉलम "संवैधानिक प्रश्न" तीन दशकों से ज्यादा समय तक चला. वे अपने माइक्रो रिसर्च और जटिल कानूनी मुद्दों के संतुलित विश्लेषण के साथ लिखने के लिए जाना जाते थे.

यह भी पढ़ें:-  Hurun Rich List 2024: भारत के अरबपतियों की टॉप 10 में हैं ये मुस्लिम कारोबारी; आधी संपत्ति कर चुके हैं दान

नूरानी ने लिखीं दर्जनों किताबें
 नूरानी ने एक लेखक के रूप में भारतीय संवैधानिक कानून, सियासत और इतिहास के अलग-अलग पहलुओं पर एक दर्जन से ज्यादा किताबें लिखीं. उनके कुछ मशहूर किताबों में "द कश्मीर क्वेश्चन (1964)", मिनिस्टर्स मिसकंडक्ट (1973), कॉन्स्टिट्यूशनल क्वेश्चन एंड सिटीजन्स राइट्स (2006), और द आरएसएस: ए मेनस टू इंडिया (2019) शामिल हैं. 

Read More
{}{}