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साबू, कल्लू, बिलाल और मुंशी को 7-7 साल की सजा; गौमाता से ठीक नहीं था इनका नाता!

Bulandshahr Cow Slaughter Case: उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में गोकशी की घटनाएं सामने आती रहती हैं. प्रशासन इसके खिलाफ सख्त कदम उठाता है और कई मामलों में पुलिस ने गोहत्या के आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर भी किए हैं. इस बीच कोर्ट ने एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है.

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साबू, कल्लू, बिलाल और मुंशी को 7-7 साल की सजा; गौमाता से ठीक नहीं था इनका नाता!
Tauseef Alam|Updated: Aug 07, 2025, 08:31 PM IST
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Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में 12 साल पुराने गोकशी के एक मामले में आज कोर्ट ने 4 आरोपियों को सजा सुनाई है. एडीजे तृतीय (वरुण मोहित निगम) ने गोकशी के चार आरोपियों को 7 साल की कैद और 13-13 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. यह मामला 31 अक्टूबर 2013 का है, जब गुलावठी कोतवाली क्षेत्र में गोकशी की घटना हुई थी. इस मामले में एडीजीसी विजय कुमार शर्मा की कड़ी पैरवी और बहस के बाद अदालत ने आरोपियों को दोषी पाया.

दरअसल, 31 अक्टूबर 2013 को गुलावठी थाना क्षेत्र में कुछ लोगों ने गोकशी की घटना को अंजाम दिया था. आरोपी साबू, कल्लू, बिलाल और मुंशी को गोकशी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मामला अदालत में लंबित था. इतने लंबे समय के बाद आज उन्हें सजा सुनाई गई है.

सुनवाई में आरोपी पाए गए दोषी
एडीजे तृतीय वरुण मोहित निगम ने चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा और 13-13 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. एडीजीसी विजय कुमार शर्मा ने अदालत के फैसले के लिए कड़ी पैरवी की, जिसके चलते आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ. इस फैसले को क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण न्यायिक कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, जो गोकशी जैसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश देता है.

गोकशी के खिलाफ पुलिस ने उठाए सख्त कदम
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में गोकशी की घटनाएं सामने आती रहती हैं. प्रशासन इसके खिलाफ सख्त कदम उठाता है और कई मामलों में पुलिस ने गोहत्या के आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर भी किए हैं. गोहत्या पर प्रतिबंध के बावजूद, कई इलाकों में यह अवैध गतिविधि जारी है. सरकार और स्थानीय प्रशासन इसे रोकने के लिए निगरानी बढ़ा रहे हैं, लेकिन इस समस्या पर पूरी तरह से लगाम लगाना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है.

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