Kushinagar News: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां 18 जुलाई को एक मासूम 10 साल की बच्ची को दफनाया गया था लेकिन तीन दिन बाद 21 जुलाई को अचानक उसकी कब्र खाली मिली. यह घटना पटेहरवा थाना क्षेत्र के गांव पटहरिया के टोला सहदौली की है. इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया.
इस घटना के बाद गांव वालों के मन में कई सवाल उठने लगे कि क्या कोई जानवर लाश को बाहर निकाल ले गया? या किसी ने चुरा लिया? पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो मामला और भी रहस्यमय हो गया. लगातार जांच के बाद 16 दिन बाद पुलिस को एक सुनसान बुर्ज के पास झाड़ियों में बच्ची का शव मिला. यह जगह कब्र से महज 100 मीटर की दूरी पर थी. शव के पास एक बुर्का और एक साड़ी भी मिली, जिसने जांच की दिशा पूरी तरह बदल दी. ये कपड़े पुलिस के लिए सबसे बड़ा सुराग साबित हुए.
पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया
पुलिस जांच में जो सच सामने आया, वह चौंकाने वाला था. गिरफ्तार लोगों में बच्ची की मां जुबैदा खातून, उसकी बहन सुबैदा, सुगनू खान और तबारक शामिल थे. इन चारों ने मिलकर रात के अंधेरे में कब्र खोदी, मासूम का शव निकाला और काले जादू का खौफनाक प्रयास शुरू कर दिया. पूछताछ में पता चला कि एक तांत्रिक ने इन लोगों को भरोसा दिलाया था कि काले जादू से बच्ची को ज़िंदा किया जा सकता है. इसी अंधविश्वास के चलते मां और परिवार ने यह अमानवीय कृत्य किया लेकिन जब उन्हें डर लगा कि कोई देख लेगा या पुलिस उन्हें पकड़ लेगी, तो उन्होंने शव को मीनार के पास झाड़ियों में फेंक दिया और भाग गए.
मां ही निकली सबसे बड़ी गुनहगार
जिस मां ने अपनी बेटी को जन्म दिया, वह अंधविश्वास में इतनी अंधी हो गई कि उसने कानून और नैतिकता की सारी हदें पार कर दीं. उसने खुद ही अपनी बेटी की कब्र खोदी और उसका शव बाहर निकाला, यह सिर्फ़ एक अपराध नहीं, बल्कि मां-बेटी के रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला है. फ़िलहाल, चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.