Nainital News: देश में मजहब की सियासत अब इंसानियत को निगलने पर आमादा है. कभी आम मुसलमानों को भीड़ के निशाने पर लिया जाता है, तो अब वर्दी पहनने वाले अफसर भी महफूज़ नहीं हैं. ताज़ा मामला उतराखंड के नैनीताल से आया है, जहां भीड़ एक मुस्लिम दरोगा पर टूट पड़ी और हैरानी ये है कि बाकी पुलिस वाले मूक दर्शक बने तमाशा देखते रहे. इससे पहले भोपाल रेलवे स्टेशन पर एक मुस्लिम हेड कांस्टेबल को भी शराबियों ने सिर्फ नाम और पहचान देखकर पीट डाला था. ये तस्वीरें बता रही हैं कि नफरत अब कानून और वर्दी की इज्जत भी कुचलने लगी है.
दरअसल, 30 अप्रैल को उत्तराखंड के नैनीताल जिले के मल्लीताल थाना क्षेत्र में एक मुस्लिम शख्स द्वारा 12 साल की नाबालिग लड़की से रेप का मामला सामने आया था. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा था. इसी बीच, मल्लीताल थाने में तैनात दरोगा आसिफ खान पर भी कुछ लोगों ने हमला कर दिया. भीड़ ने उनकी वर्दी खींची, गालियां दीं और मारपीट की कोशिश की.
भीड़ ने दरोगा को पीटा
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भीड़ में से किसी ने ड्यूटी पर तैनात इंस्पेक्टर को जान से मारने की धमकी दी. इतना ही नहीं, भीड़ में एक मौजूद शख्स ने खुद को वकील बताते हुए दरोगा को देख लेने की धमकी दी. भीड़ ने उनकी वर्दी खींची, गाली-गलौज की, लेकिन पास में मौजूद अन्य पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे और तमाशा देखते रहे. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मल्लीताल थाने में तैनात इंस्पेक्टर आसिफ खान पर कुछ लोग हमला कर रहे हैं और आसिफ भीड़ से खुद को बचाकर भागने की कोशिश कर रहे हैं.
मल्लीताल थाने मे तैनात सब-इंस्पेक्टर आसिफ खान पर दंगाइयों ने हमला कर दिया। उनकी वर्दी खींची गई, गाली-गलौज की गई, जान से मारने की धमकी दी गई। वहीं पर @nainitalpolice_ चुपचाप तमाशा देखती रही। पहले किस पर लानत भेजेंगे? मूकदर्शक बनी पुलिस पर या आतंकियों पर?pic.twitter.com/64e2fi41VN
— Wasim Akram Tyagi (@WasimAkramTyagi) May 3, 2025
भोपाल स्टेशन पर मुस्लिम हेड कांस्टेबल के साथ मारपीट
भोपाल के हबीबगंज स्टेशन पर 26 और 27 अप्रैल की रात को 3 लड़के और एक लड़की स्कोर्पियो कार में बैठकर शराब पी रहे थे. जब ड्यूटी पर तैनात GRP पुलिसकर्मी दौलत खान ने उन्हें शराब पीने से मना किया, तो आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया. आरोपियों ने पुलिसकर्मी का नाम देखकर धार्मिक टिप्पणी की और उन्हें बुरी तरह पीटा. इतना ही नहीं, उनकी वर्दी भी फाड़ दी गई.